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- पहली भारतीय सीएनजी ट्रेन….
Posted by : achhiduniya
19 January 2015
खर्च में कमी.... वायु प्रदूषण भी कम.....
रेलवे
ने सीएनजी ट्रेन चलाने के लिए 1400 एचपी का इंजन डिजाइन किया है। इस इंजन से डीजल और
सीएनजी दोनों से ट्रेन को चलाया जा सकेगा। भारतीय रेलवे के इतिहास में एक और नया अध्याय
जुड़ गया। हरियाणा के रेवाड़ी से रोहतक के बीच देश की पहली सीएनजी ट्रेन को ग्रीन सिग्नल
मिल गया। डीजल और सीएनजी दोनों सिस्टम से लैस यह डीएमयू ट्रेन फिलहाल रेवाड़ी से रोहतक
के बीच चलेगी। सीएनजी ट्रेन की लॉन्चिंग से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन के साथ ही
डीजल की खपत भी कम होगी। सोलर, पवन और अन्य वैकल्पिक
ईंधन का उपयोग करने से पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम होगी।
डीजल-सीएनजी ट्रेन
के लिए रेलवे ने विशेष तौर पर एक 1400 हॉर्सपावर का इंजिन तैयार करवाया है। अनुमान
के मुताबिक रेवाड़ी पैसेंजर ट्रेन 81 किमी की दूरी तय करने में करीब सीएनजी का 20 फीसदी
से अधिक ईंधन उपयोग करेगी। रेलवे इस ट्रेन के लिए पहले ट्रायल रन कर चुका है। सीएनजी
डीएमयू रैक के संचालन में 30 फीसदी कंप्रेस्ड नेचुरल गैस और 70 फीसदी डीजल का प्रयोग
किया जा रहा है। सीएनजी के प्रयोग से जहां खर्च में कमी आएगी, वहीं पर वायु प्रदूषण भी कम होगा।
शकूरबस्ती में सीएनजी की रिफिलिंग होगी।
सीएनजी डीजल से सस्ती है। सीएनजी के प्रयोग से प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी। इसलिए
रेल इंजन में सीएनजी का प्रयोग किफायती व पर्यावरण के अनुकूल है। जानकारी के अनुसार
रेलवे ने 50 ट्रेनों को सीएनजी से चलाने के लिए काम शुरू कर दिया है। इसके लिए तीन
अलग कंपनियों को 50 डीपीसी (डीईएमयू पावर कार) को डीजल सीएनजी ड्यूल फ्यूल मोड में
परिवर्तित करने का काम सौंपा गया है।
सीएनजी डीएमयू इंजन में चार नॉक के बाद कंप्रेस्ड
नेचुरल गैस काम करने लगती है। इसके पहले उसे डीजल मोड में रखा जाता है। डीजल-सीएनजी
ड्यूल फ्यूल मोड में परिवर्तित किए गए डीपीसी में एक साथ डीजल व सीएनजी दोनों ईंधन
का प्रयोग होता है। यानी एक साथ डीजल व सीएनजी दोनों जलेंगे। इसके साथ ही इसे सिर्फ
डीजल से चलाने का भी विकल्प शामिल है।