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- मुँह बाद मे फुलाएंगे......पहले थोड़ा मुस्कुराएंगे......
Posted by : achhiduniya
07 March 2015
पहले उसने उतारी साड़ी…फिर आई पेटीकोट की बारी.....
@ हमेशा खुश रहो…
गाते
रहो…
मुस्कुराते रहो…
मौज मस्ती करते दिखो…
कभी चहरे पर उदासी ना लाओ!
ताकि
मुस्कुराते रहो…
मौज मस्ती करते दिखो…
कभी चहरे पर उदासी ना लाओ!
ताकि
किसी
को
पता
ना चले
कि
पता
ना चले
कि
तुम
शादीशुदा हो !
@जैसी ही चंदू के चाचा ने चंदू की चाची को चांदनी रात में
चांदी के चम्मच से चटनी चटाई तो
चंदू
की चाची चंदू के चाचा को चांटा मार कर बोली-
चूतिये
चपटी चोंच, कब तक चटनी चटायेगा मुझे? कभी चाइनीज चिल्ली चिकन भी खिला दे!
@नेता- वह आदमी जो अपने देश के लिये आपकी जान की कुर्बानी
देने के लिये हमेशा तैयार रहता है।
पड़ोसी-
वह महानुभाव जो आपके मामलों को आपसे ज्यादा समझता है।
शादी-
यह मालूम करने का तरीका कि आपकी बीवी को कैसा पति पसन्द आता।
विशेषज्ञ-
वह आदमी जो कम से कम चीजों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानता है।
ज्ञानी-
वह आदमी जिसे प्रभावी ढंग से, सीधी बात को उलझाना आता है।
सभ्य
व्यवहार- मुंह बन्द करके जम्हाई लेना ।
आमदनी-
जिसमें रहा न जा सके और जिसके बगैर भी रहा न जा सके।
राजनेता-
ऐसा आदमी जो धनवान से धन और गरीबों से वोट इस वादे पर बटोरता है कि वह एक की दूसरे
से रक्षा करेगा।
आशावादी-
वह शख्स है जो सिगरेट मांगने से पहले अपनी दियासलाई जला ले।
नयी
साड़ी- जिसे पहनकर स्त्री को उतना ही नशा हो जितना पुरुष को शराब की एक पूरी बोतल
पीकर होता है।
मनोवैज्ञानिक-
वह व्यक्ति, जो किसी खूबसूरत लड़की के
कमरे में दाखिल होने पर उस लड़की के सिवाय बाकी सबको गौर से देखता है।
दूसरी
शादी- अनुभव पर आशा की विजय।
कूटनीतिज्ञ-
वह व्यक्ति जो किसी स्त्री का जन्मदिन तो याद रखे पर उसकी उम्र कभी नहीं।
@पहले उसने उतारी साड़ी
फिर आई पेटीकोट की बारी
ब्लाउज तो पहले ही दिया था उतार
ज्यादा उत्साहित मत हो यार
यह तो था, कपड़े सुखाने का तार !
@सबसे आगे के बेंच पर बैठने
वाला छात्र- पेपर मुश्किल था, पर 95 नम्बर तो पक्के हैं।
दूसरी
कतार में बैठने वाला- अरे यार, एक सवाल तो फिर भी रह ही
गया।
तीसरी
कतार में बैठने वाला- पास हो जाऊँगा, बस
इतना पता है।
चौथी
कतार में बैठने वाला- वाट लग गई यार ! मैं तो पक्का फ़ेल हो जाऊँगा।
अन्तिम
कतार में बैठने वाला- अबे यार पेपर को मार गोली !
मैडम
क्या माल थी !
समझ
ही नहीं आ रहा था कि पेपर को देखूँ या मैडम को…
आपकी
कतार कौन सी है…???
@सलमा की सुहागरात के बाद उसकी सहेली नजमा ने पूछा- कैसी
रही तेरी सुहागरात ?
तो
सलमा ने कुछ इस तरह बताया–
आए
थे वो देर से,
कि
दिल जला दिया,
पहले
किया किवाड़ बंद,
फिर
दीपक बुझा दिया…
पहले
खेल खेलने लगे सीना टटोल कर,
फिर
खेल खेलने लगे अंडरवीयर खोल कर,
एक
जंग ऐसी छिड़ी पलंग पर,
गोले
वाली लाठी रख दी सुरंग पर,
यह
था नौ मिनट का मज़ा,
अब
भोग रही हूँ नौ महीने की सज़ा,
नौ
महीने बाद एक ऐसा होगा विस्फोट,
जो
बन जायगा भारत के लिए एक और वोट…
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मुँह बाद मे फुलाएंगे......पहले थोड़ा मुस्कुराएंगे...... |