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- समान बेचने के लिए मजबूर किसान......?
Posted by : achhiduniya
24 April 2015
आत्म -हत्या का असली जिम्मेदार कौन.....?
आज देश के किसानो की माली हालत कितनी खस्ता है यह अंदाजा इसी बात से
लगाया जा सकता है किस तरह दौसा राजस्थान से आए एक किसान गजेन्द्र सिंघ मे
दिल्ली के जंतर-मंतर की किसान रैली के दरम्यान पेड़ से लटक कर आत्म हत्या कर
ली,जिस पर देश की राजनीती इतनी गरम हो गई की कुंभकर्ण की नींद मे सों रही
सरकार व आम जनता तक को झकझोर के रख दिया और यह सोचने पर मजबूर
कर दिया की इस आत्म -हत्या का असली जिम्मेदार कौन.....? वही जो किसान कर्ज
के बोझ तले दबे है वे अपने सामानो को विदेशी वेबसाइट ओ ऐल एक्स और भारतीय
साइट क्विकर पर बेचने और खरीदने के लिए मजबूर है। गौर करने वाली बात यह है
कि खेती से जुड़े उपकरण तो लगभग आधे दाम में बिक भी रहे हैं, साथ ही खेतिहर
जमीनों के ऐड भी पोस्ट किए जा रहे हैं। ट्रैक्टर ब्लोअर/स्प्रेयर, फर्टिलाइजर स्प्रे टैंक,
ब्रश कटर जैसे उपकरण साइट पर बिकने के लिए तैयार हैं। खेती के लिए बेहद जरूरी
तरह-तरह के मोडिफाइड ट्रैक्टर्स भी इन साइट्स पर उपलब्ध हैं। ट्रैक्टर फिटेड डोजर
अटेचमेंट, ट्रैक्टर कम कटर, खेती से जुड़े उपकरणों के पार्ट्स आदि भी यहां आराम से
सर्च किए जा सकते हैं। यहां के उत्पाद और उपकरण बाजार से लगभग आधे दाम में
अपनी सुविधा और जरूरत के मुताबिक खेतीवाड़ी से जुड़े लोग खरीद सकते हैं। हो
सकता है कोई अपना पुराना समान बेचता हो वैसे इन वेब साइड के जरिए कोई भी
अपने उपकरण बेच व खरीद सकता है,लेकिन कोई भी किसान कर्ज-गरीबी और फसल
बरबादी के चलते समान को बेचने के लिए मजबूर नही होना चाहिए इस बात को भी
नही भूलना चाहिए।मोदी सरकार कहती है यह समस्या पुरानी जरूर है लेकिन इससे
अब निपटने का समय है।स्वर्गीय राजीव गांधी ने एक भाषण मे कहा था,दिल्ली
सरकार से एक रुपया गरीबो के जनकल्याण के लिए निकलता है लेकिन उस तक
पहुचते-पहुचते चार आने [25 पैसे] हो जाता है। कही न कही वे भी जानते थे की
सिस्टम मे गड़बड़ी है। आज जरूरत है इस सिस्टम मे बदलाव लाने की वरना फिर
न कोई "मदर इंडिया" या "पीपली लाइव" बने ना ही कोई दूसरा गजेन्द्र इस
बात का शिकार न हो जाए और फिर चर्चाए होती रहे की दोषी कौन......?