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- देश मे महिलाए भी कर सकेंगी खेती सरकार बनाएगी खेती के सरल उपकरण.....
Posted by : achhiduniya
25 June 2016
भारत एक कृषि प्रधान देश है।देश मे
कृषी पर ध्यान देने और किसानो के पलायन और आत्म हत्या को रोकने के उद्देश्य से
सरकार इस ओर गंभीरता से विचार करके महिलाओ को खेती मे हो रही दिक्कतों को दूर करने
के लिए महिला प्रधान कृषि उपकरण तैयार करने का मन बना चुकी है।पलायन के चलते कृषि
और खाद्य प्रदार्थो के उत्पादन पर संकट उत्पन्न होने लगा है। जबकि दूसरी ओर, बढ़ती जनसंख्या के कारण कृषि और उससे जुड़े उत्पादों की मांग लगातार बढ़ती
जा रही है।नौकरी की तलाश में बड़ी संख्या में पुरुष शहरों का रुख कर रहे हैं। यह
सब जलवायु परिवर्तन के नतीजतन सूखे व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण हो रहा है।
महिलाएं गांवों में रह जाती हैं और उनके लिए पुरुषों द्वारा उपयोग में लाए गए कृषि उपकरणों के साथ तालमेल बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव आरबी सिन्हा ने कहा कि मंत्रालय और भारतीय कृषि शोध परिषद (आईसीएआर) एक साथ मिलकर महिला प्रधान कृषि उपकरण तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस सम्बंध में काम शुरू हो गया है। हम इस दिशा में काम शुरू कर चुके हैं। हमारा लक्ष्य छोटे और मझौले किसानों (महिलाओं) को उनकी जरूरत के मुताबिक कृषि उपकरण मुहैया कराना है। इससे कृषि पर असर पड़ रहा है क्योंकि महिलाओं को खेती के लिए जरूरी भारी कृषि उपकरणों का उपयोग करने में दिक्कत आ रही है।
हिमालयन एंड डाउनस्ट्रीम रीजंग-नॉलेज फोरम ऑन क्लाइमेट रिजिलेंट डेवलपमेंट नामक सेमीनार में कहा, ऐसे में जबकि पुरुष शहरों का रुख कर रहे हैं, सरकार गांव में रह जाने वाली महिलाओं को कृषि के लिए जरूरी उपकरण मुहैया कराएगा। ये उपकरण ऐसे होंगे, जिनका उपयोग महिलाएं आसानी से कर सकेंगी। सरकार ने महिला प्रधान कृषि उपकरणों पर सब्सीडी देने का फैसला किया है। ऐसा इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
महिलाएं गांवों में रह जाती हैं और उनके लिए पुरुषों द्वारा उपयोग में लाए गए कृषि उपकरणों के साथ तालमेल बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव आरबी सिन्हा ने कहा कि मंत्रालय और भारतीय कृषि शोध परिषद (आईसीएआर) एक साथ मिलकर महिला प्रधान कृषि उपकरण तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस सम्बंध में काम शुरू हो गया है। हम इस दिशा में काम शुरू कर चुके हैं। हमारा लक्ष्य छोटे और मझौले किसानों (महिलाओं) को उनकी जरूरत के मुताबिक कृषि उपकरण मुहैया कराना है। इससे कृषि पर असर पड़ रहा है क्योंकि महिलाओं को खेती के लिए जरूरी भारी कृषि उपकरणों का उपयोग करने में दिक्कत आ रही है।
हिमालयन एंड डाउनस्ट्रीम रीजंग-नॉलेज फोरम ऑन क्लाइमेट रिजिलेंट डेवलपमेंट नामक सेमीनार में कहा, ऐसे में जबकि पुरुष शहरों का रुख कर रहे हैं, सरकार गांव में रह जाने वाली महिलाओं को कृषि के लिए जरूरी उपकरण मुहैया कराएगा। ये उपकरण ऐसे होंगे, जिनका उपयोग महिलाएं आसानी से कर सकेंगी। सरकार ने महिला प्रधान कृषि उपकरणों पर सब्सीडी देने का फैसला किया है। ऐसा इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।