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- रिटायमेंट से पहले पिता की मौत हो जाने पर शादीशुदा बेटी नौकरी पाने की हकदार है या नहीं ?
Posted by : achhiduniya
02 August 2016
पिता की
मौत के बात जायदाद के अनेक वारिस आ जाते है। कानूनी तौर पर बेटी को भी वारिस माना जाता
है। यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
यूपी के चंदौली इलाके का है। 2015 में फायर ब्रिगेड में काम करने वाले
आदित्य कुमार श्रीवास्तव की मौत हो गई थी। परिवार में पत्नी के अलावा सात बेटियां
थी। बड़ी बेटी नेहा बालिग होने के साथ साथ शादीशुदा थी। उसने यूपी सरकार के पास
पिता की नौकरी की अर्जी लगाई लेकिन सरकार ने रूल 1974 का
हवाला देते हुए कहा कि नियमों के मुताबिक शादीशुदा बेटी परिवार की श्रेणी में नहीं
आती। पिता की जगह सिर्फ उनके आश्रित परिजनों को ही नौकरी दी जा सकती है।नेहा ने
इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में अर्जी लगाई लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर
दिया। लेकिन डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को पलटते हुए आदेश दिए कि शादीशुदा
बेटी भी परिवार का हिस्सा होती है और उसे नौकरी दी जानी चाहिए। इसी को लेकर यूपी
सरकार सुप्रीम कोर्ट आई है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक
लगाकर नेहा को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट अब ये तय करेगा कि किसी सरकारी
नौकरी करने वाले शख्स की अगर रिटायमेंट से पहले मौत हो जाने पर उसकी शादीशुदा बेटी
नौकरी पाने की हकदार है या नहीं ?