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- देश की आबादी में आधी हिस्सेदारी रखने वाली महिलाओं की न्यायपालिका मे भागीदारी कितनी.....?
Posted by : achhiduniya
26 April 2018
देश के 24 हाईकोर्ट में महज तीन हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस महिला हैं। उनमें भी बॉम्बे में जस्टिस वी के तहिलरमानी और दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस गीता मित्तल कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर हैं। केवल मद्रास हाईकोर्ट में जस्टिस इंदिरा बनर्जी स्थायी चीफ जस्टिस के रूप में तैनात हैं। विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 17 में जिला अदालतों और निचली अदालतों में, एक-तिहाई से भी कम महिला जज हैं। देश के 24 उच्च न्यायालयों में भी महिला जजों की भागीदारी अच्छी नहीं है।
विधि और न्याय मंत्रालय के मुताबिक, देश में कुल 24 हाई कोर्ट में 1 अप्रैल 2018 तक 669 जज कार्यरत हैं। इन जजों में महिलाओं की संख्या महज 75 हैं। यानी यहां भी इनकी हिस्सेदारी 11 फीसदी के करीब ही है। देश की सबसे पुरानी अदालतों में से एक इलाहाबाद हाईकोर्ट में कुल 100 जज अभी काम रहे हैं,लेकिन इनमें महिलाओं की संख्या महज 6 हैं। वहीं 30 जजों वाले कलकत्ता हाईकोर्ट में 5 महिला जज हैं। देश के हाईकोर्ट में फिलहाल सबसे अच्छी स्थिति मद्रास हाईकोर्ट की है। यहां पर कुल 58 जजों में 11 महिला जज हैं। वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट में कार्यरत 70 जजों में महिला जजों की संख्या 11 हैं।
इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट की भी हालात काफी हद तक सही है। दिल्ली हाईकोर्ट में कुल 37 जजों में 9 महिला जज इन दिनों काम कर रही हैं। तेलंगाना एंड आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के 30 जजों में महिलाओं की संख्या 3 है और 18 जजों वाले गुवाहाटी हाईकोर्ट में एक महिला जज है। इसके अलावा गुजरात हाईकोर्ट में 30 जजों में 3 महिलाएं, झारखंड में 17 में एक महिला जज, कर्नाटक में 30 जजों में 3 महिलाएं, केरल में 37 में 5, मध्य प्रदेश में 32 में 3, ओडिशा में 16 में एक, पटना में 32 में 2, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में 50 में 6, राजस्थान हाईकोर्ट में 33 में 2 और सिक्किम हाईकोर्ट में 3 जजों में एक महिला जज हैं। मार्च और जुलाई 2017 के बीच के आंकड़ों के अनुसार [आभार]



