- Back to Home »
- Property / Investment »
- बैंक आफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक विलय के सरकार ने दिए संकेत....
Posted by : achhiduniya
18 September 2018
बैंकों की कर्ज देने की ताकत और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों-बैंक आफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का आपस में विलय करने के संकेत दिए है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। जेटली ने कहा, पिछले कुछ सालों से सार्वजनिक बैंक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। 2008 से 2014 के दौरान अकूत लोन बांटे गए। मानों जैसे कल वापस करना ही नहीं होगा। इससे इकोनॉमी में अवरोध पैदा हुआ है।' उन्होंने कहा कि एनपीए का खेल पर्दे के पीछे हुआ इसलिए उस वक्त सही तस्वीर लोगों के सामने नहीं आई। गौरतलब है कि संचालन लागत के मुकाबले मुनाफा नहीं हो रहा इसलिए सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय करना चाहती है। पिछले साल भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी पांच अनुषंगी इकाइयों का स्वयं में विलय किया था। साथ ही महिलाओं के लिये गठित भारतीय महिला बैंक को भी मिलाया था। योजना की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इससे बैंक मजबूत और मजबूत होंगे तथा उनकी कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी। विलय के कारणों को बताते हुए उन्होंने कहा बैंकों की कर्ज देने की स्थिति कमजोर होने से कंपनियों का निवेश प्रभावित हो रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि कई बैंक नाजुक स्थिति में है और इसका कारण अत्यधिक कर्ज तथा फंसे कर्ज (एनपीए) में वृद्धि है।
उन्होंने कहा, विलय के बाद अस्तित्व में आनी वाली इकाई बैंक गतिविधियां बढ़ाएंगी। एसबीआई की तरह विलय से तीनों बैंकों के कर्मचारियों की मौजूदा सेवा शर्तों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकार की 21 बैंकों में हिस्सेदारी है। इन बैंकों की एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की बैंक परिसपंत्ति में दो तिहाई से अधिक हिस्सेदारी है। हालांकि इसके साथ इन सार्वजनिक बैंकों का फंसे कर्ज में भी बड़ी हिस्सेदारी है। इस डूबे कर्ज के कारण क्षेत्र प्रभावित है और वैश्विक बासेल-तीन पूंजी नियमों के अनुपालन के लिये अगले दो साल में करोड़ों रुपये चाहिए। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तीनों बैंकों के निदेशक मंडल विलय प्रस्ताव पर विचार करेंगे। इस विलय से परिचालन दक्षता और ग्राहकों की मिलने वाली सेवा बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि विलय के बाद अस्तितव में आने वाला बैंक तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा पैमाने की मितव्ययिता के साथ मजबूत प्रतिस्पर्धी होगा।