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- अरेंज्ड हलाला इस्लामी कानून के तहत शर्मनाक और वर्जित है..... दारुल उलूम देवबंद
Posted by : achhiduniya
22 October 2018
तीन तलाक को अपराध मानने वाले मोदी सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई है। 20 सितंबर को आए अध्यादेश के बाद से एक बार में तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में रखा गया है और इसके लिए सजा का प्रावधान भी सुनिश्चित किया गया है। तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित किए जाने के बाद अब दारुल उलूम देवबंद ने भी अरेंज्ड' हलाला को गैर इस्लामिक करार देते हुए बैन कर दिया है। देवबंद के मुताबिक इस्लाम में इस तरह का हलाला मौजूद नहीं है और ऐसा करने वाले लोगों को शर्म आनी चाहिए। क्या है अरेंज्ड हलाला:- देवबंद के ही रहने वाले मोहम्मद उस्मान ने अरेंज्ड हलाला पर सवाल उठाते हुए दारुल उलूम से संपर्क किया था।
जवाब में, एक पैनल ने जवाब दिया, तलाक के मामलों में, कुछ लोग पहले से तय करते हैं कि एक महिला को अपने पहले पति से दोबारा शादी करने के लिए एक और आदमी के साथ हलाला करवाना पड़ेगा, यह पूरी तरह गलत है और इस्लाम इस काम को पसंद नहीं करता। इस्लामी कानून के तहत यह शर्मनाक और वर्जित है। क्या है हलाला: हलाला के तहत, एक तलाकशुदा महिला को किसी अन्य व्यक्ति से निकाह करना पड़ता है और उसके बाद वह अपने पहले पति के पास लौटने से पहले उससे तलाक लेती है।
फतवा में कहा गया है, अगर किसी महिला को तीन तलाक दिया जाता है, तो उसे अपने पूर्व पति को छोड़कर किसी भी व्यक्ति से निकाह करने का अधिकार है। अगर दूसरा पति उसे तलाक देता है, तो वह अपने पहले पति से इद्दत (घर पर एक निश्चित अवधि तक रहने) के बाद शादी कर सकती है। फतवा में कहा गया है कि ऐसी किसी महिला को अपने पहले पति से शादी करने के लिए हलाला करने के लिए मजबूर करना गलत है।