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- किलोग्राम, एम्पीयर और मोल, मानक इकाईयों को दोबारा परिभाषित किया जायेगा......
Posted by : achhiduniya
17 November 2018
पहले दुनिया भर के किलोग्राम का वजन तय करने के लिए सिलिंडर के
आकार के एक 'बाट' का
इस्तेमाल किया जाता था। यानी उसका वजन जितना होता था, उतना
ही किलोग्राम का स्टैंडर्ड वजन होता। यह सिलिंडर प्लैटिनियम और इरिडियम से बना था
जिसे इंटरनैशनल प्रोटोकोल किलोग्राम के नाम
से जाना जाता है और इसका उपनाम ले ग्रैंड के है। यह फ्रांस के सेवरे शहर की एक
लैबरेटरी इंटरनैशनल ब्यूरो ऑफ वेट्स ऐंड मीजर्स में रखा है। 30 या 40 साल में एक
बार इस प्रोटोटाइप को निकाला जाता था। फिर दुनिया भर में वजन के लिए इस्तेमाल होने
वाले किलोग्राम के बाट को लाकर इसके मुकाबले तौला जाता था। मापन की इकाई किलोग्राम, एम्पीयर
और मोल में हमेशा के लिए बदलाव किया गया है।
अब इन तीनों ही मापन इकाईयों को फिर से परिभाषित किया जाएगा। इस संबंध में
निर्णय लेने के लिए 16 नवंबर, 2018 को फ्रांस के वर्साय में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का
आयोजन किया गया था। इसमें बदलाव के लिए मतदान के जरिेए 50 से अधिक देशों ने अपनी
सहमति दी। इस निर्णय के बाद विभिन्न देशों के मध्य व्यापार और अन्य मानवीय कार्यों
पर प्रभाव पड़ेगा। वर्साय के इस सम्मेलन में जमा हुए वैज्ञानिक इस फैसले का दशकों
से इंतजार कर रहे थे। इस कदम को मापन और गुणन के क्षेत्र में वैश्विक क्रांति के
रूप में देखा जा रहा है। पैरिस के सेवरे में जो ले ग्रैंड के है, उसकी
एक ऑफिशल कॉपी भारत के पास भी है।
इसको दिल्ली स्थित नैशनल फिजिकल लैबरेटरी में
रखा गया है। इसको नं. 57 कहा जाता है और यह भारत का परफेक्ट किलो है। कुछ दशकों पर
नियमित रूप से इसे पैरिस भेजा जाता है जहां इसे चेक किया जाता है। भारत के सारे
किलो को नं. 57 के हिसाब से ही तौला जाता है। शुक्रवार
को ही विद्युत मापन की इकाई ऐम्पियर, ताप मापने की
इकाई कैल्विन और पदार्थ की मात्रा माप मोल की नई परिभाषाओं को भी अनुमोदन मिल गया
है। वैश्विक रूप से स्वीकृत किलोग्राम की नई परिभाषा का बहुत बेसब्री से इंतजार
किया जा रहा था। बीते एक सदी से अधिक समय से फ्रांस में कड़ी सुरक्षा में रखे
प्लेटिनम-इरीडियम मिश्र धातु के बने एक सिलेंडर के द्रव्यमान को किलोग्राम की
परिभाषा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसे ‘‘ली ग्रांड
के’’ के नाम से भी जाना जाता है। यह साल 1889 से विश्व का
एकमात्र वास्तविक किलोग्राम माना जाता रहा है। अब किलोग्राम और अन्य मुख्य मानक
इकाईयों को दोबारा परिभाषित किया जायेगा। ये 20 मई से प्रभावी होगा।