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- केंद्र सरकार ने राफेल से जुड़ी जानकारियां सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दीं......
Posted by : achhiduniya
12 November 2018
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल की कीमतों के बारे में भी केंद्र सरकार
से जानकारी मांगी थी। बेंच ने अटर्नी जनरल से कहा था कि यदि यह विवरण इतना
विशेष है और इसे न्यायालय के साथ भी साझा
नहीं किया जा सकता है तो केंद्र को ऐसा कहते हुए हलफनामा दाखिल करना चाहिए। बेंच
ने वेणुगोपाल से अपनी मौखिक टिप्पणी में कहा, यदि कीमतें विशेष हैं और आप हमारे साथ इन्हें
साझा नहीं कर रहे हैं तो ऐसा कहते हुए हलफनामा दायर कीजिए। बेंच ने यह भी कहा कि
गोपनीय और रणनीतिक महत्व वाली जानकारियों को बताने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम
कोर्ट ने ऐडवोकेट प्रशांत भूषण, पूर्व मंत्री अरुण शौरी व यशवंत सिन्हा की याचिका पर सुनवाई
करते हुए यह बात कही थी। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की
थी। गौरतलब है कि राफेल डील को लेकर कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष लगातार मोदी सरकार
पर हमलावर है।
वहीं, दूसरी
ओर बीजेपी का कहना है कि इस डील से संबंधित जानकारियां सार्वजनिक होने से दुश्मन
देश फायदा उठा सकते हैं। केंद्र सरकार की ओर से विमान खरीद की प्रक्रिया से जुड़े
दस्तावेज याचिककर्ताओं को सौंप दिए गए। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राफेल विमानों
की कीमतों के बारे में मांगी गई जानकारी पर अपना जवाब भी सीलबंद लिफाफे में
सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया। केंद्र सरकार की ओर से याचिकाकर्ताओं को सौंपे गए
दस्तावेजों में कहा गया है कि राफेल की खरीद में सभी प्रकियाओं का पालन किया गया।
सरकार ने बताया कि इस प्रक्रिया के लिए फ्रांस सरकार से करीब एक साल तक बात चली।
सरकार ने दस्तावेजों में यह भी कहा कि कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी (सीसीएस) से
अनुमति लेने के बाद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस दस्तावेज का शीर्षक 36 राफेल
विमानों की खरीद में फैसले लेने की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी' है।
केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि ऑफसेट पार्टनर चुनने में सरकार का कोई रोल नहीं है।
नियमों के मुताबिक विदेशी निर्माता किसी भी भारतीय कंपनी को बतौर ऑफसेट पार्टनर
चुनने के लिए स्वतंत्र है। यूपीए के जमाने से चली आ रही रक्षा उपकरणों की खरीद
प्रकिया के लिए रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 का ही पालन किया गया है। फ्रांस के साथ
राफेल डील पर विपक्ष के आरोपों का सामना कर रही केंद्र सरकार ने सोमवार को इस सौदे
से जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक कर दीं। सुप्रीम कोर्ट के 31 अक्टूबर के आदेश के
मुताबिक केंद्र सरकार ने याचिकाकर्ताओं को यह दस्तावेज उपलब्ध कराया है। सुप्रीम
कोर्ट ने आदेश दिया था कि राफेल विमान खरीद की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी
सुप्रीम कोर्ट को दी जाए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई अब 14 नवंबर को करेगा।