- Back to Home »
- Property / Investment »
- नोटबंदी और जीएसटी ने आर्थिक वृद्धि की कमर तोड़ दी...RBI पूर्व गवर्नर रघुराम राजन
Posted by : achhiduniya
17 December 2018
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा, शुद्ध रूप से मेरी राय है कि नोटबंदी ने हमारी अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। अब मैंने ऐसे अध्ययन देखे हैं जिनसे इसकी पुष्टि होती है। हमारी वृद्धि दर सुस्त पड़ी है। राजन ने एक न्यूज चैनल से साक्षात्कार में कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था 2017 में अधिक तेज रफ्तार से बढ़ी, हमारी अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ी। उन्होंने कहा कि सिर्फ नोटबंदी ही नहीं, माल एवं सेवा कर (GST) को लागू करने से भी हमारी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा। वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही। पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा, नोटबंदी और जीएसटी के दोहरे प्रभाव से हमारी वृद्धि दर प्रभावित हुई। कोई मुझे जीएसटी विरोधी करार दे, उससे पहले मैं कहना चाहूंगा कि दीर्घावधि में यह अच्छा विचार है।
लघु अवधि में इसका असर पड़ा है। यह पूछे जाने पर कि क्या
उनसे रिजर्व बैंक गवर्नर के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उनसे नोटबंदी को लागू
करने को कहा गया था, पूर्व गवर्नर ने कहा कि उनसे ऊंचे मूल्य की
करंसी को प्रतिबंधित करने पर राय पूछी गई थी। उन्होंने कहा कि उनकी सोच में
नोटबंदी खराब विचार था। राजन ने कहा है कि
नोटबंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटा दी। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में, जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था वृद्धि दर्ज कर रही है, भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर
नोटबंदी के चलते उल्लेखनीय रूप से प्रभावित हुई। बैंकों के साथ घपलेबाजी करने
वालों की सूची के बारे में राजन ने कहा कि एक सूची थी, जिसमें बड़े-बड़े घोटालेबाजों के नाम थे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को सौंपी गई बड़े लोन डिफॉल्टरों की सूची के बारे
में राजन ने कहा, मुझे नहीं पता कि ये मामले अब कहां हैं। एक
बात को लेकर मैं चिंतित हूं कि यदि एक को छूट मिलती है तो और दूसरे भी उसी राह पर
चल सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोन डिफॉल्टरों और
धोखेबाजों में अंतर है। यदि आप डिफॉल्टरों को जेल भेजना शुरू कर देते हैं तो कोई
भी जोखिम नहीं उठाएगा।


