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- 21वीं सदी में जन्में युवा लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए करे वोट.... पीएम मोदी ने की अपील
Posted by : achhiduniya
27 January 2019
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी
ने साल के पहले मन की बात कार्यक्रम के 52वें एपिसोड की
शुरुआत सिद्धगंगा मठ के शिवकुमार स्वामी को श्रद्धांजलि के साथ की। पीएम ने कहा, हमारे देश में महत्वपूर्ण संस्था है, जो गणतंत्र से भी पुरानी है। 25 जनवरी को मतदाता दिवस था। चुनाव आयोग बेहद
पुरानी संस्था है। चुनाव आयोग जिस मेहनत से चुनाव कराता है, वह काबिले तारीफ है। एक मतदाता के लिए भी चुनाव
आयोग वोटिंग की व्यवस्था करता है। लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए चुनाव आयोग की
सराहना करते हैं। इस साल लोकसभा चुनाव होंगे। यह पहला मौका होगा, जब 21वीं सदी में
जन्में युवा देश के योगदान में भागीदारी करेंगे। मैं युवा पीढ़ी से आग्रह करता हूं
कि वे मतदाता के रूप में स्वयं को रजिस्टर कराएं।
मतदान करना मेरा कर्तव्य है, यह भाव होना चाहिए। पीएम मोदी ने कार्यक्रम में
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा, लालकिले के भीतर म्यूजियम बनाने का अवसर मिला। इस
परिसर को क्रांति मंदिर के रूप में देश को समर्पित किया गया है। नेताजी के परिवार
के लोगों ने नेताजी द्वारा पहनी गई टोपी में मुझे भेंट की, उस टोपी को मैंने सग्राहालय में रखवा दिया, ताकि युवा पीढ़ी इससे प्रेरणा ले। सुभाष बाबू के
दिल्ली चलो और तुम मुझे खून दो जैसे नारों ने देश में जोश भरा। नेता जी ने आजाद
हिंद रेडियो की भी शुरुआत की थी। आजाद हिंद रेडियो के कार्यक्रम आम लोगों में काफी
पॉप्युलर थे। मोदी ने कहा, मैं हमेशा कहता हूं कि जो खेले, वह खिले। जनवरी में पुणे में 6 हजार खिलाड़ियों
ने भाग लिया। इस बार खेलो इंडिया में हर राज्य ने अपने स्तर पर अच्छा प्रदर्शन
किया। पुणे के एक कॉम्पलैक्स में वॉचमैन का काम करने वाले और पार्किंग शेड में
रहने वाले एक व्यक्ति के बेटे आकाश गोरखा ने मुक्केबाजी में सिल्वर मेडल जीता है।
न्यू इंडिया के निर्माण में सिर्फ बड़े शहरों का योगदान नहीं है। इस बार छोटे
शहरों और गांवों से भी न्यू इंडिया को बढ़ा योगदान मिला है। बड़ी संख्या में जिलों
ने खुद को खुले में शौच से मुक्त कर दिया है। पीएम ने संत रविदास का भी जिक्र अपने
कार्यक्रम में किया। उन्होंने कहा कि संत रविदास बड़ी-बड़ी बात छोटे-छोटे दोहे में
कह देते थे। उनकी जयंती 19 फरवरी को है। संत रविदास कहते हैं, यदि भगवान इंसान में होते हैं तो उन्हें जाति में
बांटना ठीक नहीं है। उन्होंने ही
कहा था कि मन चंगा तो कठौती में गंगा।