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- किसानों के लिए 6680 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की सौगात दी मोदी सरकार ने...
Posted by : achhiduniya
29 January 2019
केंद्र सरकार के कुछ अधिकारियों ने सूखा प्रभावित
राज्यों का दौरा किया था और उसके बाद ही यह माना जा रहा
था कि सरकार जल्द ही सूखा प्रभावित राज्यों में किसानों के लिए किसी पैकेज का ऐलान
कर सकती है। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा था कि जल्द ही
देश के किसानों के लिए बड़े राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी। उन्होंने राजधानी में
नेशनल कांफ्रेंस ऑन एग्रीकल्चर समर कैंपेन से अलग मीडिया को बताया कि आपको (पैकेज
के लिए) अब और इंतजार करने की जरूरत नहीं है। इसकी घोषणा जल्दी की जाएगी। अब केंद्र सरकार ने चार राज्यों
में किसानों के लिए 6680 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की
मंजूरी दी है। इस राहत पैकेज का लाभ आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसानों को मिलेगा।
इस रकम में आंध्र
प्रदेश के लिए 900 करोड़ रुपये, गुजरात
के लिए 130 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र के लिए 4700 करोड़ रुपये और कर्नाटक के लिए 950 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी गई है। इन राज्यों में
किसान सूखे से पीड़ित थे और सरकार के इस फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। छोटे
एवं सीमांत किसानों की आय में कमी की समस्या के निवारण लिए सरकार खासतौर से कोशिश
कर रही है। कृषि मंत्रालय ने क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए अल्प अवधि
एवं दीर्घकालिक दोनों समाधान प्रदान करने के लिए कई विकल्पों की सिफारिश की है। इसके
अलावा उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में किसानों को और भी राहत दी जाएगी। सूत्रों
से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बजट में फसल बीमा योजना के
लिए केंद्र सरकार फंड बढ़ा सकती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को सरकार 15000 करोड़ रुपये दे सकती है।
पिछले बजट में सरकार की तरफ से इसके
लिए 13 हजार करोड़ रुपये जारी किए गए थे। साथ ही प्रधानमंत्री फसल
बीमा योजना के मौजूदा ढांचे में भी बदलाव किया जा सकता है। स्मॉल और मार्जिनल
किसानों को ध्यान में रखकर ये बदलाव किए जा सकते हैं। उन किसानों को भी इस योजना
का लाभ मिलेगा जिन्होंने बैंक से लोन नहीं लिया है। इसके अलावा फसल बीमा योजना के
लाभ के दायरे को भी बढ़ाया जा सकता है। सरकार की प्लानिंग है कि उन किसानों के भी
नुकसान की भरपाई हो जिन्होंने कर्ज नहीं लिया है। इसके अलावा बैंकिंग नेटवर्क से बाहर रहे किसानों
को भी बीमा योजना का लाभ मिलेगा। नीति
आयोग की तरफ से भी इसमें बदलाव की सिफारिश की गई है।