- Back to Home »
- Suggestion / Opinion »
- सुप्रिया सुले ने लोकसभा में पेश किया प्राइवेट मेंबर्स बिल..“राइट टू डिसकनेक्ट”
Posted by : achhiduniya
10 January 2019
देश की प्राइवेट कंपनिया अपने एमप्लाई को हमेशा अपना गुलाम समझती है जिसके चलते उस व्यक्ति की निजी जिंदगी पर बुरा असर होने लगता और वह तनाव जैसी कई गंभीर बीमारियो का शिकार होने लगता है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [एनसीपी] सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा में प्राइवेट मेंबर्स बिल पेश किया है, जिसके तहत प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी ऑफिस से आने के बाद ऑफिशियल कॉल्स और मेल का जवाब देने की मजबूरी से छुटकारा पा सकेंगे। इस बिल में कर्मचारियों को यह अधिकार देने की बात की गई है। इस बिल को “राइट टू डिसकनेक्ट” नाम दिया गया है। सुप्रिया सुले ने कहा कि इस बिल के जरिए कंपनी कर्मचारियों पर ज्यादा काम नहीं लाद सकेगी। उन्होंने बताया कि इस बिल के आने के बाद कर्मचारियों में तनाव कम रहेगा और पर्सनल लाइफ स्टेबल रहेगी। यह बिल अभी सिर्फ लोकसभा में पेश किया गया है। लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद ही यह काननू बन पाएगा।
इस बिल के तहत
कल्याण प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जहां आईटी, कम्यूनिकेशन और श्रम मंत्रियों को रखा जाएगा। इस बिल
के तहत, एक
चार्टर भी तैयार किया जाएगा। इस चार्टर के तहत जिन कंपनियो में 10 से ज्यादा
कर्मचारी हैं वे अपने कर्मचारियों के साथ बात करें और वो जो चाहते हैं वो चार्टर में
शामिल करें। इसके बाद रिपोर्ट बनाई जाएगी।
ऐसा ही बिल फ्रेंच सुप्रीम कोर्ट लागू कर चुकी है। न्यूयॉर्क में भी इसकी
शुरुआत हुई और जर्मनी में भी इसे कानून बनाने की बात चल रही है। यानी अगर ये बिल
पास हो गया तो कर्मचारी काम के बाद ऑफिस के कॉल्स काट सकेंगे और इस पर कोई एक्शन
भी नहीं लिया जाएगा। अगर राइट टू डिसकनेक्ट बिल पारित होकर कानून बन जाएगा तो निश्चित
रूप से प्रावइेट कंपनियों में काम करने वाली बड़ी आबादी ये राहत की बात होगी।

