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ईवीएम हैकिंग पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोई सबूत नही दिया गया,कार्यक्रम की पटकथा कांग्रेस ने लिखी...रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस से पूछे कई सवाल
Posted by : achhiduniya
22 January 2019
भारत में 2014 के आम चुनाव
में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिये धांधली हुई थी। स्काइप के जरिये लंदन में संवाददाता
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सैयद शुजा ने दावा किया कि अपनी टीम के कुछ सदस्यों
के मारे जाने के बाद वह भारत से भाग गए क्योंकि उन्हें देश में अपनी जान को खतरा
था। यद्यपि वह स्काइप के जरिये स्क्रीन पर सामने आए लेकिन उनका चेहरा ढंका हुआ था।
उसका दावा है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। चुनाव आयोग ने उनके इस दावे को
खारिज कर दिया है। वहीं भारत में बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने जहां इस दावे को
खारिज कर दिया, कांग्रेस ने कहा कि ये आरोप बेहद गंभीर हैं।
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने भी पलटवार किया है।
उन्होंने कहा कि ईवीएम हैकिंग कार्यक्रम की पटकथा कांग्रेस ने लिखी, पार्टी के इशारे पर इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन
किया गया।
रविशंकर प्रसाद ने इस मौके पर
कई अहम सवाल भी कांग्रेस से किए हैं। ईवीएम हैंकिग की पटकथा के लिए सहारा लिया गया
गोपीनाथ मुंडे की मौत का, वे इसे हत्या बता रहे हैं। जबकि डॉक्टर ने
कहा कि वह हत्या नहीं थी। आखिर इस झूठे के
पीछे कौन है। दूसरा बकवास है कि बाकी सब चुनाव गड़बड़ थे। तो फिर क्या एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ के चुनाव में ऐसा नहीं हुआ? पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में न कोई सबूत दिया गया
और न पत्रकारों को सवाल पूछने दिया गया। मैं पूछना चाहता हूं कि कपिल सिब्बल वहां
क्या कर रहे थे। वह वहां किस हैसियत से मौजूद थे। कपिल सिब्बल कांग्रेस की तरफ से
मॉनिटरिंग करने गए थे? कांग्रेस हमेशा उनसे ऐसा काम कराती है। चाहे
बात राम मंदिर की बात हो या महाभियोग की बात। मैं पूछना चाहता हूं कि इस पूरे
आयोजन से क्या 2014 में देश के जनमत का अपमान नहीं हो रहा है। क्या यह 90 करोड़
मतदाताओं का अपमान नहीं है। 2014 में हैकिंग से चुनाव जीतें हैं। ईवीएम आज से नहीं
बहुत दिनों से काम कर रहा है।
10 साल यूपीए सत्ता में रही, तब ईवीएम ठीक रही? 2007 में
मायावती जीतीं तो ईवीएम ठीक था? 2012 में अखिलेश जी जीते तो ईवीएम ठीक था? ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल जीते तो ईवीएम
ठीक था? 2017 में चुनाव आयोग ने खुली चुनौती दी थी
कि कोई भी पार्टी आकर यह साबित करे कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। तब कोई क्यों
नहीं आगे आया? यह सैय्यद शुजा भी उस समय नहीं दिखे। क्या कांग्रेस ने 2014 के जनादेश के अपमान करने के लिए इस प्रेस
कॉन्फ्रेंस को प्रयोजित किया था। शुजा ने दावा
किया कि टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल
पाने में बीजेपी की मदद की थी ताकि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सके। रविशंकर
प्रसाद ने कहा की उन्होंने अपने
दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया। यहां ध्यान देने की बात है कि जियो का 2014 में कोई अस्तित्व नहीं था और उसकी सेवाएं सितंबर
2016 में शुरू हुई थीं।