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गंभीर मुद्दो पर आंख मारकर राजनीतिक नौटंकी का प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे कांग्रेस अध्यक्ष हैं राहुल गांधी....
Posted by : achhiduniya
07 January 2019
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
पिछले कई दिनों से राफेल मुद्दे को संसद से लेकर सड़क तक उठा रहे हैं। कांग्रेस
पार्टी को पूरा भरोसा है कि राफेल को भी बोफोर्स बनाया जा सकता है। इस मुद्दे पर
कमान संभाले हुए राहुल गांधी कई प्रेस कांफ्रेंस कर चुके हैं और सीधे-सीधे
नरेन्द्र मोदी को भी ललकार रहे हैं। 15 मिनट के डिबेट
में पीएम मोदी को राफेल पर एक्सपोज करने की बात कर रहे हैं,लेकिन इसी बीच पिछले दिनों राफेल मुद्दे पर हो
रहे चर्चा के दौरान एक बार फिर आंख मारते हुए नजर आये और इसके साथ ही उनकी इस
मुद्दे को लेकर गंभीरता भी शक के दायरे में आ गई।
तीन राज्यों में चुनावी जीत के बाद कॉंग्रेस राहुल गांधी पूरे देश में सबसे
ज्यादा चर्चा का विषय बने। उनकी लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ और राहुल के
नेतृत्व क्षमता का बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भी लोहा माना। हर
चुनाव को नरेन्द्र मोदी बनाम राहुल गांधी बनाने वाली भाजपा भी अब पहले से सतर्क हो
गई है। क्योंकि कांग्रेस के तीन राज्यों में सरकार बनने के बाद जिस तेज गति से
किसानों का लोन माफ करने की पहल की उससे उनकी छवि किसान हितैषी नेता की बनी है। इन
तमाम हालिया उपलब्धियों के बीच राहुल गांधी का व्यक्तित्व लोगों को अभी भी समझ में
नहीं आ रहा है। क्योंकि जिस तरह से हाल के दिनों में उन्होंने संसद में डिबेट किया
है उससे उनकी गंभीर छवि पर सवाल उठ रहे हैं। पहले नरेन्द्र मोदी को भारतीय
संस्कृति का पाठ पढ़ाते हुए गले मिले और उसके बाद तुरंत आंख मारकर मुद्दे की
गंभीरता के साथ क्रूर मजाक कर गए।
सबसे बड़ा सवाल
है कि क्या उनकी गंभीरता दिखावटी है। राहुल गांधी तमाम कदम उठाने के बाद राजनीतिक
नादानी करते हुए नजर क्यों आ जाते हैं। तमाम मुद्दों पर माहौल बनाने के बाद उसकी
गंभीरता के साथ मजाक करते हुए नजर क्यों आते हैं। ऐसे भी इन दिनों राफेल मुद्दे पर
तथ्यों की कमी के कारण राहुल गांधी की आलोचना पर शक किया जा रहा है,लेकिन इसके बावजूद वो आंख मारकर राजनीतिक नौटंकी
का प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे हैं। गंभीर मुद्दों को उठाने के बाद उनसे राजनीतिक
गंभीरता की उम्मीद की जा रही है लेकिन आंख की कलाबाजियों के कारण उनका प्रयास केवल
हंगामा खड़ा करने वाला दिख रहा है, जिसका एकमात्र
मकसद वोट बटोरना हो सकता है।


