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- इस्लाम में निकाह [शादी] जन्म-जन्म का साथ नहीं होता है,केवल एक कांन्ट्रैक्ट होता है....AIMIM चीफ व सांसद असदु्द्दीन ओवैसी
इस्लाम में निकाह [शादी] जन्म-जन्म का साथ नहीं होता है,केवल एक कांन्ट्रैक्ट होता है....AIMIM चीफ व सांसद असदु्द्दीन ओवैसी
Posted by : achhiduniya
25 July 2019
AIMIM चीफ व सांसद असदु्द्दीन ओवैसी ने कहा कि इस्लाम में निकाह [शादी] जन्म-जन्म का साथ नहीं होता है,केवल एक कांन्ट्रैक्ट होता है। एक जिंदगी के लिए हम उसमें खुश हैं। इसकी तकलीफ सबको मालूम है। तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में नहीं है। यह कानून मुस्लिम महिलाओं के पर जुर्म करेगा। इस्लाम में 9 तरह के तलाक होते हैं। इस कानून के अनुसार अगर आप शौहर को गिरफ्तार करेंगे तो खातून को मेंटेनेंस कौन देगा। शौहर जेल में बैठकर मेंटेनेंस कैसे देगा? ओवैसी ने कहा,इस बिल में तीन तलाक को अपराध बना दिया है। कोर्ट ने समलैंगिकता को गैर आपराधिक बना दिया है,ऐसे में आप तीन तलाक को अपराध बनाकर नया हिंदुस्तान बनाने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तीन तलाक अगर गलती से कहा जाए
तो शादी नहीं टूटती और यही सुप्रीम कोर्ट भी कह रहा है। इस कानून के जरिये सरकार मुस्लिम
औरतों पर जुर्म कर रही है। लोकसभा में ओवैसी ने कहा कि पति की गिरफ्तारी के बाद क्या
कोई शौहर पत्नी को मुआवजा दे पाएगा। अगर पति जेल चला जाएगा तो क्या औरत तीन साल
तक उसका इंतजार करती रहे। उस औरत को शादी से निकलने का हक मिलना चाहिए। ओवैसी ने
कहा कि बेल देने का हक केवल कोर्ट को है, लेकिन हत्या में भी पीड़ित को नहीं सुना जाता
है। तीन तलाक बिल लाकर सरकार शादी खत्म कर रही है और औरत को सड़क पर ला रही है। मुस्लिमों
को तहजीब से दूर करने के लिए यह बिल लाया गया है।