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- मेट्रो ट्रेन को पानी में दौड़ाने के लिए नदी के अंदर बनाई जा रही है ट्रांसपोर्ट टनल...
Posted by : achhiduniya
24 July 2019
कोलकाता मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट प्रोजेक्ट करीब 16 किलोमीटर लंबा
है जो सॉल्ट लेक स्टेडियम से हावड़ा मैदान तक फैला है। सॉल्ट लेक सेक्टर-5 से
सॉल्ट लेक स्टेडियम के बीच इस लाइन पर करुणामयी, सेंट्रल पार्क, सिटी सेंटर और बंगाल केमिकल मेट्रो स्टेशन मौजूद
हैं। कोलकाता मेट्रो भारतीय रेल के अधीन आता है और रेलवे इस पूरे प्रोजक्ट पर 8572
करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इस प्रोजेक्ट पर साल 2009 से काम चल रहा है। मौजूदा
रेलमंत्री पीयूष गोयल के कार्यकाल में भी ये काम काफी तेज़ी से हो रहा है।
उम्मीद
की जा रही है कि 2021 में यह पूरी लाइन शुरू हो जाएगी। इसी लाइन पर भारत में पहली
बार नदी के अंदर ट्रांसपोर्ट टनल बनाई जा रही है। अप और डाउन लाइन पर यहां दो
सुरंगें बनाई जा रही हैं जो करीब 1.4 किलोमीटर लंबी है। यहां हुगली नदी की चौड़ाई
करीब 520 मीटर है और इस नदी तल के नीचे से होकर मेट्रो गुज़रेगी। इस सुरंग को
बनाने में रूस और थाइलैंड के विशेषज्ञों से सलाह ली गई है। वहीं सुंरग के पानी का
रिसाव रोकने के लिए दुनिया की सबसे बेहतरीन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसे
पानी के रिसाव से बचाने के लिए 3 स्तर के सुरक्षा कवच बनाए गए हैं।
इस सुरंग में
80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मेट्रो ट्रेन दौड़ पाएगी। कोलकाता मेट्रो की
इस नई लाइन के फेज़-1 पर जल्द ही मेट्रो सेवा शुरू होने जा रही है। सॉल्ट लेक सेक्टर-5
से सॉल्ट लेक स्टेडियम यानी करीब 5 किलोमीटर लंबी इस मेट्रो लाइन पर कमिश्नर रेलवे
सेफ्टी की जांच मंगलवार को पूरी हो चुकी है। उम्मीद है कि जल्द ही इसे मंजूरी मिल
जाएगी। उसके बाद इस सेक्शन पर मेट्रो की सेवाएं आम लोगों के लिए शुरू की जाएंगी। इसी
लाइन पर भारतीय रेल के हावड़ा और सियालदाह स्टेशन मौजूद होंगे। रेलवे को उम्मीद है
कि साल 2035 तक रोज़ाना करीब 10 लाख लोग कोलकाता मेट्रो की इस लाइन का इस्तेमाल कर
सकेंगे।