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पगार देने के पैसे नही अय्याशी में लाखो खर्च कर रहे अधिकारी एअर इंडिया एयरलाइन पर पायलटों का आरोप....
Posted by : achhiduniya
25 July 2020
पायलटों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से एअर इंडिया बार-बार कह रही है कि वह अपना खर्च कम कर रही है, लेकिन यह सीनियर अधिकारियों की तरफ से उठाई जा रही सुविधाओं में नहीं दिखता। सीनियर अधिकारियों का अपने वेतन में 50% कटौती की बात सिर्फ दिखावा भर है, क्योंकि कटौती सिर्फ उनके भत्तों में की गई है जो कुल वेतन का सिर्फ 10% है। एअर इंडिया ने अपने कर्मचारियों के भत्ते में 20 से 50 फीसदी तक कटौती भी करने जा रही है। साथ ही कर्मचारियों के भत्ते में 20 से 50 फीसदी तक कटौती भी करने जा रही है। पायलट्स के भत्तों में 40% क्रू मेंबर्स के भत्तों में 20% की कटौती की गई है। यह आदेश retrospect में
1 अप्रैल से लागू होगा। इंडियन कॉमर्शियल पायलट एसोसिएशन ने इस फैसले पर नाराजगी
जताते हुए इसके ऑपरेशन पर गंभीर परिणाम होने की बात कही है। पायलट यूनियनों ने यह
भी आरोप लगाया है कि अप्रैल से उनका 70 फीसदी वेतन नहीं मिला है और इस आदेश के बाद
उनकी सैलरी में कुल कटौती 85% की हो जाएगी। एअर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों को
मिलने वाले गाड़ी और
फ्यूल के खर्च पर भी सवाल उठाए गए हैं। एक्सिकेटिव डायरेक्टर को हर
महीनें 140 लीटर ईंधन के लिए खर्च मिलता है और फ़नकश्नल डायरेक्टर को 270
लीटर ईंधन का खर्च मिलता है। इन दोनो श्रेणियों के लिए ईंधन खर्च करीब 30 लाख
प्रति वर्ष होता है। कंपनी मे अपने कॉस्ट कटिंग स्टेप के तहत इसमें 10% कटौती की
बात कही जो काफी नहीं है। सीनियर
अधिकारियों के लिए लगभग 63 कारें लीज पर दी जाती हैं। इससे कंपनी पर प्रति वर्ष 2 करोड़
रुपये के करीब खर्च आता है। एअर इंडिया अपने
अधिकारियों को एलीट कॉर्पोरेट क्लब की
सदस्यता प्रदान करती है जो कंपनी पर बोझ बढ़ा रहा है। पायलटों का कहना है कि अगर
कंपनी अपने गैर जरूरी खर्च को कम करना चाहती है तो इन क्लब की सदस्यता पर खर्च
क्यों कर रही है?