- Back to Home »
- Property / Investment »
- 30,000 करोड़ रुपये के आकड़े को पार कर सकता है सैनिटाइजर का सालाना बाजार टर्नओवर
कोविड-19 से पहले देश का सैनिटाइजर बाजार सालाना 100-200 करोड़ रुपये का था। कोरोना वायरस फैलने के बाद सैनिटाइजर मार्केट तेजी से कई गुना बढ़ गया। कैविन केयर में पर्सनल केयर एंड अलायंस के डायरेक्टर व सीईओ वेंकटेश विजयराघवन ने बताया कि कोविड-19 के दौरान देश में सैनिटाइजर की खपत 5 गुना से ज्यादा बढ़ गई है। नील्सन ग्लोबल कनेक्ट के रिटेल इंटेलिजेंस (साउथ एशिया) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर समीर शुक्ला ने कहा कि देश के स्टोर्स से सैनिटाइजर्स की मांग में 7-8 गुना तक इजाफा हुआ है। कोरोना वायरस फैलने के साथ देश के सैनिटाइजर मार्केट में छोटी-बड़ी 250 कंपनियां कूद चुकी हैं। देश के सैनिटाइजर बाजार के फैलने का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि महाराष्ट्र के अंदरूनी इलाके के एक स्टोर पर साल 2017 में जहां 43,000 रुपये का
सैनिटाइजर बिका था। वहीं, 2018 में ये बिक्री 53,000 रुपये पर पहुंच गई। साल 2019 में लोगों ने 58,000 रुपये का सैनिटाइजर खरीदा। इसके बाद जनवरी 2020 से मार्च 2020 के बीच इस स्टोर से 1,12,143 रुपये का सैनिटाइजर खरीदा गया। वहीं, कोविड-19 के मामले बढ़ने के साथ इस स्टोर से सैनिटाइजर की बिक्री 1 अप्रैल-31 जुलाई 2020 के बीच 10,25,877 रुपये पर पहुंच गई। एक अनुमान के मुताबिक, देश का सैनिटाइजर बाजार 30,000 करोड़ रुपये सालाना तक पहुंच सकता है। मान लीजिए 33 करोड़ भारतीय सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं। एक व्यक्ति कम से कम 5 मिली सैनिटाइजर रोजाना इस्तेमाल करता है यानी 33 करोड़ भारतीय रोजना 163 करोड़ मिली प्रतिदिन सैनिटाइजर
इस्तेमाल करते हैं। सरकार की ओर से सैनिटाइजर की कीमत 50 पैसे प्रति मिली तय की गई है यानी 33 करोड़ भारतीय एक दिन में करीब 83 करोड़
रुपये का सैनिटाइजर इस्तेमाल करते हैं। अब इसे 365 से गुणा करें तो करीब 30,000 करोड़
रुपये बनते हैं। मौजूदा माहौल और सैनिटाइजर की लगातार बढ़ती मांग के बीच बाजार के
आकार को लेकर लगाए जा रहे अनुमानों के कारण बड़ी-बड़ी कंपनियां इसमें पैसा लगाने
को उतावली हो रही हैं। अब तक सैकड़ों कंपनियां इस बाजार में उतर चुकी हैं। कोविड-19 खत्म होने के बाद अगर हर 10 में एक
भारतीय भी सैनिटाइजर का इस्तेमाल करता रहा तो सालाना कारोबार 12,000 करोड़ रुपये का होगा। दूसरे उत्पादों से तुलना करें तो ये
डियोडेरेंट बाजार का 5 गुना, हेयर कलर मार्केट का 3 गुना, शैम्पू बाजार का 2 गुना
और हर तरह के टूथपेस्ट मार्केट का डेढ़ गुना होगा। इसलिए ज्यादातर कंपनियां
सैनिटाइजर बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती हैं।


