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- कुंभकर्णी नींद से जागो सरकार गिरती अर्थव्यवस्था पर रघुराम राजन ने किया सरकार को आगाह.....
Posted by : achhiduniya
07 September 2020
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि
अगर आप इकॉनमी को एक मरीज की तरह देखें तो उसे लगातार इलाज की जरूरत है। राहत के
बिना लोग खाना छोड़ देंगे, वे बच्चों को स्कूल से निकाल
देंगे और उन्हें काम करने या भीख मांगने के लिए भेज देंगे, कर्ज लेने के लिए अपना सोना गिरवी रख देंगे, ईएमआई और मकान का किराया बढ़ता जाएगा। इसी तरह राहत के अभाव में
छोटी और मझोली कंपनियां अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएंगी, उनका कर्ज बढ़ता जाएगा और अंत में वे बंद हो जाएंगी। इस तरह जब तक वायरस पर काबू होगा, तब तक इकोनॉमी बर्बाद हो
जाएगी। उन्होंने सरकार से तत्काल राहत पैकेज देने और इसकी राशि बढ़ाने की मांग की। रघुराम राजन ने कहा कि सरकार भविष्य में प्रोत्साहन
पैकेज देने के लिए संसाधनों को बचाने की रणनीति पर चल रही है, जो आत्मघाती है। सरकार सोच रही है कि वायरस पर काबू पाए जाने के
बाद राहत पैकेज देंगे,लेकिन वे स्थिति की गंभीरता को कमतर करके आंक रहे हैं। तब तक इकॉनमी
को बहुत नुकसान हो जाएगा। उन्होंने कहा, यह
धारणा गलत है कि सरकार रिलीफ और स्टिमुलस, दोनों
पर खर्च नहीं कर सकती है। रघुराम राजन ने कहा कि संसाधनों को बढ़ाने और चतुराई के
साथ खर्च करने की जरूरत है। जब तक कोराना वायरस पर देश में काबू नहीं पाया जाता है
तब तक भारत में खर्च की स्थिति कमजोर बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक
जो राहत दी है, वह नाकाफी है। रघुराम राजन ने अपने लिंकडिन पेज पर एक
पोस्ट में कहा है कि जून तिमाही के दौरान जीडीपी में आई 23.9 प्रतिशत की गिरावट
चेतावनी देने वाली है। उन्होंने कहा कि यह समय ब्यूरोक्रेसी के सामने आकर उचित व
अर्थपूर्ण कदम उठाने का है। उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट से निपटने के लिए एक विचारशील और सक्रिय सरकार की जरूरत है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर स्थिति को अभी नहीं संभाला गया तो भारतीय अर्थव्यवस्था में और गिरावट आ सकती है। रघुराम राजन ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को अमेरिका और इटली से कही ज्यादा नुकसान हुआ है, जो इस बिमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इटली की जीडीपी 12.4 प्रतिशत और अमेरिका की जीडीपी 9.5 प्रतिशत घटी है।