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- क्या कुंभ मेले में होगा कोरोना महामारी का विस्फोट....?
Posted by : achhiduniya
12 April 2021
उत्तराखंड के हरिद्वार महाकुंभ में स्नान के चलते यूपी के फलौदा बॉर्डर
से रूट डायवर्ट किया गया है। बॉर्डर पर यूपी-उत्तराखंड की पुलिस फोर्स मौजूद है। हरिद्वार जाने वाले वाहनों को फलौदा से खानपुर,लक्सर भेजा जा रहा। लक्सर और खानपुर में कोविड की जांच होगी।
फलौदा बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम पर किये गए हैं। वहीं कोरोना काल की दूसरी लहर के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में
सोमवार को यानी आज कुंभ का दूसरा शाही स्नान में मेला प्रशासन ने जारी किया आंकड़ों के मुताबिक, 12 बजे तक 21 लाख 7 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने हरिद्वार के कुम्भ मेला एरिया
में स्नान किया। इससे पहले 10 बजे तक शाही स्नान में 17 लाख 31 हजार लोगों ने स्नान किया था। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या कोरोना काल के बीच इतने
श्रद्धालुओं के स्नान करने से क्या कोविड के मामलों में इजाफा नहीं होगा?बीते रविवार को उत्तराखंड में कोरोना केसों की संख्या में एक बार
काफी इजाफा देखने को मिला। पिछले साल 4 अक्तूबर 2020 के बाद राज्य में रविवार को एक दिन में 1333 संक्रमण के नए केस सामने आए और 8 लोगों
की मौत हुई। रविवार को देहरादून जिले में 582, हरिद्वार
में 386, नैनीताल में 122, पौड़ी में 49, अल्मोड़ा में 11, बागेश्वर में आठ, चमोली में 9, चम्पावत में सात, पिथौरागढ़ में दो, रुद्रप्रयाग
में पांच, टिहरी में 44 और उत्तकाशी जिले में 4 मरीजों में कोविड के मामले सामने आएं। उत्तराखंड में कोरोना मरीजों की संख्या 1,08,812 तक पहुंच गई है और 97000 मरीज
ठीक हुए,
7,323 मरीज अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती या आइसोलेशन
में हैं। डीजीपी अशोक कुमार ने हरिद्वार पहुंचने वाले
श्रद्धालुओं से अपील की है कि सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का सख़्ती के साथ
पालन करें मास्क का उपयोग करें और शारीरिक दूरी बनाकर रखें। उत्तराखंड पुलिस
श्रद्धालुओं के लिए लगातार व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर रही है। ऐसे में श्रद्धालु
हरिद्वार आए और सभी नियमों के पालन के साथ स्नान में शरीक हो। 14 तारीख को मुख़्य
शाही स्नान है और पुलिस प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर रखी हैं। डीजीपी अशोक
कुमार का कहना है कि पिछले कुम्भ तुलना में श्रद्धालुओं में भारी कमी आ सकती है। हालांकि
पुलिस ने मुख्य स्थानों पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस का
एक्शन प्लान 2010 कुम्भ को देखते हुए तैयार किया गया है। वहीं अगर श्रद्धालुओं की
संख्या बढ़ती है तो एमरजेंसी योजनाओ को लागू किया जा सकता है।