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- कोरोना से भी ज्यादा क्रोनिक बीमारी से मर रहे लोग...जाने क्यू...?
Posted by : achhiduniya
05 April 2021
भारत में 1990 के दशक से लेकर गैर-संचारी बीमारियां संक्रामक बीमारियों के मुकाबले सबसे बड़ी जानलेवा साबित हुई हैं। 2017 में उन बीमारियों के चलते 6.3 मिलियन भारतीयों की मौत हुई यानी उस साल होनेवाली सभी मौतों में करीब दो-तिहाई आंकड़ा शामिल रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 10 फीसद आबादी इस तरह की बीमारी से पीड़ित है। गैर-संचारी रोग
एक गैर संक्रामक स्वास्थ्य की स्थिति होती है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलते। ये दीर्घकालीन समय तक भी रहता है। उसे पुरानी या क्रोनिक बीमारी के नाम से भी जाना जाता है। गैर-संचारी बीमारियां हर उम्र,धर्म देश के लोगों को प्रभावित करती है। उसका अक्सर संबंध बुजुर्गों से जोड़ा जाता है। गैर-संचारी बीमारियां जैसे हाईपरटेंशन और डायबिटीज भारत में वायरस के मुकाबले सबसे ज्यादा जानलेवा हैं। हर तीन मौत के पीछे ये बीमारियां मौटे तौर पर दो मौत की जिम्मेदार
पाई गई हैं। इसके अलावा विश्व स्तर पर होनेवाली गैर-संचारी बीमारियों से मौत के
पीछे भारत मात्र 15.3 फीसद के लिए उत्तरदायी है। 21 राज्यों में 2 लाख लोगों पर
किए गए रिसर्च से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया कि हर 10
भारतीयों में से एक शख्स गैर-संचारी रोग से पीड़ित है और इसका मुख्य कारण खराब
जीवन शैली और पर्यावरणीय स्थितियां हैं। कुछ
राज्यों में हर चौथा शख्स गैर-संचारी रोग से पीड़ित है। लिस्ट में सबसे ज्यादा ओड़िशा के लोग 27.2 फीसद गैर-संचारी रोग से पीड़ित पाए गए। उसके बाद त्रिपुरा में 26.3 फीसद और असम में 22.3 फीसद का खुलासा हुआ। गैर-संचारी बीमारियों में हाईपरटेंशन, पाचन रोग और डायबिटीज सबसे ज्यादा प्रचलित हैं। सबसे बड़े गैर-संचारी रोग की सबसे खराब स्थिति वाले राज्य:- पुडुचेरी में हाईपरटेंशन की प्रचलित दर 11.5 फीसद, ओड़िशा में 9.4 फीसद और आंध्र प्रदेश में 8.5 फीसद है। ओड़िशा में पाचन रोग का प्रचलित दर
15.9 फीसद, त्रिपुरा में 7.6 फीसद और बिहार में 5.1 फीसद
है। पुडुचेरी में डायबिटीज की प्रचलित दर 9.3 फीसद, तमिलनाडु
में 6.6 फीसद और केरल में 5.9 फीसद है। 76 फीसद भारतीयों में गैर संचारी-रोग का
सबसे बड़ा जोखिम कारक खराब वायु गुणवत्ता है। उसके बाद प्रचलित दर में कम शारीरिक
गतिविधि का नंबर 66.5 फीसद है, जबकि खराब डाइट का आंकड़ा 55
फीसद पाया गया। भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित गैर-संक्रामक रोग का प्रतिशत:-
हाईपरटेंशन का 3.6 फीसद,पाचन रोग
3.2 फीसद,डायबिटीज का 2.9 फीसद,सांस का रोग 1.8 फीसद है। रिपोर्ट
में बताया गया है कि संपूर्ण रूप से पुरुषों को गैर-संक्रामक रोग विशेषकर डायबिटीज
और दिल की बीमारी से पीड़ित होने का ज्यादा खतरा है,जब कि
महिलाओं में हाईपरटेंशन ज्यादा आम है। गैर-संचारी बीमारियां तुलनात्मक रूप से
सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में कम प्रचलित हैं। {हेल्थ-साभार}