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- चुनावी राज्यो में करोना महामारी नही आखिर इन राज्यो में इतनी अधिक क्यू....?
Posted by : achhiduniya
07 April 2021
महाराष्ट्र में इतनी तेजी से संक्रमण क्यों फैल रहे हैं, जबकि वहीं चुनाव वाले राज्यों में और दूसरे राज्यों में बड़ी धार्मिक जमावड़े जैसी घटनाओं के बाद भी उतना ज्यादा संक्रमण नहीं फैला और ना ही वैसी वायरस के प्रसार की तेजी दिखाई दी। विशेषज्ञों ने कई कारण बताए हैं जिसकी वजह से महाराष्ट्र में वायरस फैलने के इतने ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर
ज्यादा घातक और खतरनाक होती जा रही है। जहां कुछ राज्यों में संक्रमण काबू में है वहीं कई राज्यों में वायरस विस्फोट की स्थिति बनती दिख रही है जो बहुत चिंता की बात है। ऐसे में यह सवाल भी पैदा हो रहा है कि आखिर इन राज्यों में ऐसा क्या है जिससे इनकी हालात इतनी चिंताजनक हो गई। महाराष्ट्र ऐसा ही राज्य है जहां दोनों ही लहरों में हालात बहुत ही चिंतनीय रही और अब दूसरी लहर में तो वायरस विस्फोट की स्थिति है। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु कर्नाटक, गुजरात केरल और पंजाब में बहुत ही ज्यादा तेजी नहीं है, लेकिन छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में तेजी चिंता में डाल रही है। देश के करीब 80 से 90 प्रतिशत संक्रमण केवल 8 राज्यों से आ रहे हैं। केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ में हालात का जायजा लेने के लिए अपनी खास टीमें भेजी हैं। महाराष्ट्र में रात का कर्फ्यू, सप्ताहांत में लॉकडाउन लग चुका है और सार्वजिनिक स्थानों पर पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं। महाराष्ट्र के शहरी इलाकों में जनसंख्या घनत्व और लोगों की यात्रा करने वालो की संख्या देश के पूर्वी और केंद्रीय राज्यों की तुलना में कहीं ज्यादा है। औद्योगिक क्षेत्रों मेंलोगों की भीड़ ज्यादा होती है,जिससे वहां संक्रमण आसानी और तेजी से फैल सकता है। यही वजह से महाराष्ट्र में संक्रमण दोनों ही लहरों में तेजी से फैला और बेकाबू होने लगा। मुबई देश का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है। अकेले मुंबई में ही झुग्गियों और कम आय वाले इलाकों में बहुत ही ज्यादा भीड़ होती है। यहां दुनिया और देश भर से लाखों की संख्या में यात्री रोज आते हैं। यहां की जीवनरेखा कही जाने वाली मैट्रों में भी लाखों लोग सफर करते हैं। ये हालात यहां संक्रमण फैलाने के लिए आदर्श हैं। महाराष्ट्र में तेजी से वायरस फैलने के और भी कई कारक हो सकते हैं। जाचों की दर, लोगों का नियमों का पालन करना या ना कर पाना, कम लक्षणों के मिलने पर भी लोगों का जांच कराना जैसे कारक हैं जो कोविड संक्रमण की संख्या और उसके फैलने की दर को प्रभावित करते हैं। वैक्सीनेश और रोकथाम के तरीके जैसे मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को व्यापक तौर पर लागू करना ही इसका एकमात्र उपाय है। विशेषज्ञो के अनुसार जिन राज्यों में ग्रामीण जनसंख्या ज्यादा है वहां संक्रमण की संख्या और दर दोनों ही कम है। इतना ही नहीं वहां मामलों की गंभीरता भी कम है। ग्रामीण इलाकों में जनसंख्या घनत्व कम होता है उनके घरों में हवा का आवगमन बेहतर होता है और वे खुले इलाके में काम करते हैं। इतना ही नहीं उनमें हाइपरटेंशन, डायबिटीज, दिल की बीमारी, मोटापा जैसे शहरी समस्याएं बहुत कम होती हैं। यहां तक कि वायुप्रदूषण तक कम होता है। इतनी ज्यादा संख्या में और तेजी से संक्रमण फैलने के कारणों के लिए विस्तार से पड़ताल और आंकड़ों के गहन विश्लेण की जरूरत होती है। फिर भी कई कारण स्पष्ट दिख सकते हैं तो कुछ छिपे भी हो सकते हैं। महाराष्ट्र में शहरी और उद्योगों के इलाके ज्यादा हैं। देश के शीर्ष सबसे ज्यादा आबादी वाले शहर महाराष्ट्र में है।