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विधानसभा की तारीख जैसे जैसे करीब आ रही है वैसे-वैसे हिंदू खतरे में पड़ता जा रहा है….शिवसेना सामना संपादकीय
Posted by : achhiduniya
15 November 2021
शिवसेना ने सामना के जरिए आरोप लगाया है कि कुछ ताकतें महाराष्ट्र
में रजा अकादमी के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही
हैं। संपादकीय में कहा गया है कि अगर विधानसभा चुनाव सिर पर न होते तो हिंदुओं को
गुस्सा नहीं आता क्या? त्रिपुरा की हिंसा ने बता दिया
है कि राज्य की बीजेपी सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है और उसकी लोकप्रियता
तेजी से घट रही है। सामना के जरिए शिवसेना ने सवाल पूछा है कि त्रिपुरा में हुई
हिंसा का असर महाराष्ट्र में क्यों दिखाई पड़ रहा है? मौलवियों के कंधे पर कौन बंदूक रखकर चलाना चाहता है? शिवसेना ने कहा कि त्रिपुरा के धमाकों की आवाज महाराष्ट्र में
क्यों सुनाई दे रही है। रजा अकादमी आदि
संगठन किसी भी तरह से मुस्लिम समाज का
प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, लेकिन दुनिया में मुसलमानों के
संदर्भ में कहीं भी कोई भी शोर होता है तो ये लोग मुंबई-महाराष्ट्र में छाती पीटते
हैं। उन्होंने कहा कि कोई तो इनके पीछे है जो उन्हें ताकत दे रहा है। इन लोगों
को पीछे से बल कौन देता है इसका पता अमरावती के दंगे के बाद साफ हो गया है। अब
त्रिपुरा प्रकरण को लेकर महाराष्ट्र में रजा अकादमी की ही बांगबाजी शुरू है। रजा
अकादमी में महाराष्ट्र में इस तरह से हिंसा और दंगे फैलाने का दम नहीं
है। ये
जानना भी जरूरी है कि रजा अकादमी को आगे कर कौन महाराष्ट्र का महौल बिगाड़ने की
कोशिश कर रहा है? शिवसेना ने सामना के जरिए सवाल किया है कि उत्तर
प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा की तारीख जैसे जैसे करीब आ रही है वैसे-वैसे हिंदू
खतरे में पड़ता जा रहा है। ऐसा भाजपा द्वारा तैयार किए गए नकली हिंदुत्ववादी
संगठनों को लगने लगा है। त्रिपुरा की हिंसा के जरिए पूरे देश में असंतोष की लहर फैलाने
की कोशिश की जा रही है। बांग्लादेश में भी हिंदू मारे जा रहे हैं लेकिन
हिंदुत्ववादी संगठनों को केवल त्रिपुरा की ही चिंता क्यों है?