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- देश में कांग्रेस नहीं होती तो क्या होता...? के सवाल पर प्रधानमंत्री ने दिया यह जवाब...
Posted by : achhiduniya
08 February 2022
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति
के संसद में अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने कहा यह
सोचने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय है कि देश को कहां ले जाना है और देश को आगे
कैसे ले जाना है, जब यह स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाता है। उनका यह भी मानना था कि इसके लिए संकल्प को
पूरा करने के लिए हमें सामूहिक भागीदारी और सामूहिक स्वामित्व की आवश्यकता होगी। लोकतंत्र
पर बोलते हुए,
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम उन लोगों से लोकतंत्र
में सबक कभी नहीं सीखेंगे
जिन्होंने 1975 में लोकतंत्र को कुचल दिया था। हमारे
लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा वंशवादी दल हैं। जब एक परिवार किसी राजनीतिक दल
में बहुत अधिक प्रचलित हो जाता है, तो
राजनीतिक प्रतिभा को नुकसान होता है। प्रधानमंत्री ने कहा, कुछ सदस्यों ने पूछा- कांग्रेस नहीं होती तो क्या होता?" उन्होंने कहा, "मैं
कहना चाहता हूं कि अगर कांग्रेस नहीं होती तो आपातकाल नहीं होता, जाति की राजनीति नहीं होती, सिखों
का कभी नरसंहार नहीं होता, कश्मीरी पंडितों की समस्याएं
नहीं होती। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया अभी
भी कोविड-19 से जूझ रही है। मानवता ने पिछले सौ वर्षों में इस तरह की कोई
चुनौती नहीं देखी है। भारत के लोगों ने वैक्सीन ले ली है और उन्होंने ऐसा न केवल अपनी
सुरक्षा के लिए बल्कि दूसरों की सुरक्षा के लिए भी किया है। इतने सारे वैश्विक
टीकाकरण विरोधी आंदोलनों के बीच इस तरह का आचरण सराहनीय है। प्रधानमंत्री ने कहा
कि लोग महामारी के इस समय में भारत की प्रगति के बारे में सवाल उठाते रहे लेकिन
भारत ने सुनिश्चित किया कि 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त
राशन
मिले। यह भी सुनिश्चित किया गया कि गरीबों के लिए रिकॉर्ड घर बनाए जाएं, ये घर पानी के कनेक्शन से लैस हों। इस महामारी के दौरान हमने 5 करोड़ लोगों को नल के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया है और एक
नया रिकॉर्ड बनाया है। हमारे तर्कसंगत दृष्टिकोण के कारण हमारे किसानों ने महामारी
के दौरान बंपर फसल का उत्पादन किया। हमने महामारी के दौरान बुनियादी ढांचे से
संबंधित कई परियोजनाओं को पूरा किया क्योंकि हमारा मानना है कि वे ऐसे
चुनौतीपूर्ण समय के दौरान
रोजगार सुनिश्चित करते हैं। इस महामारी के दौरान, हमारे युवाओं ने खेलों में काफी प्रगति की है और देश को
गौरवान्वित किया है। भारतीय युवाओं ने अपने स्टार्ट-अप के साथ भारत को दुनिया के
शीर्ष तीन स्टार्ट-अप गंतव्यों में से एक बना दिया है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित
किया कि इस महामारी के दौरान चाहे वह सीओपी 26 हो या
जी 20 संबंधित मामला हो या 150 से
अधिक देशों में दवा के निर्यात से संबंधित हो, भारत ने
नेतृत्व की भूमिका निभाई है और पूरी दुनिया
इस पर चर्चा कर रही है। प्रधानमंत्री
ने इस बात पर जोर दिया कि हमने महामारी के दौरान एमएसएमई क्षेत्र और कृषि क्षेत्र
पर अधिक ध्यान केंद्रित किया। प्रधानमंत्री ने रोजगार संबंधी आंकड़े देते हुए कहा
कि वर्ष 2021 के ईपीएफओ पेरोल के आंकड़ों से पता चलता है कि करीब 1 करोड़ 20 लाख नए लोगों ने ईपीएफओ
पोर्टल पर अपना नाम दर्ज कराया है। ये सभी औपचारिक नौकरियां हैं और इनमें से करीब 60 से 65 लाख की उम्र 18 से 25 के बीच है, यानी यह उनकी पहली नौकरी है। मुद्रास्फीति पर बोलते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि हमने मुद्रास्फीति की जांच करने के लिए
अपनी पूरी कोशिश की है
और जब हम इसकी तुलना अन्य अर्थव्यवस्थाओं से करते हैं तो हम
कह सकते हैं कि आज भारत एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है जो मध्यम मुद्रास्फीति के
साथ उच्च विकास का अनुभव कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें लोगों के लिए काम
करना है, चाहे हम किसी भी गलियारे में हों। विपक्ष में होने का मतलब
लोगों के मुद्दों को हल करने की दिशा में काम करना बंद करने की मानसिकता गलत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कुछ माननीय सदस्यों ने कहा कि भारत का टीकाकरण
अभियान
कोई बड़ी बात नहीं है, तो उन्हें आश्चर्य हुआ।
उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत से ही सरकार ने देश और दुनिया में उपलब्ध हर
संसाधन को जुटाने का हर संभव प्रयास किया है। उन्होंने सभी को यह भी आश्वासन दिया
कि जब तक महामारी मौजूद है, हम देश के गरीबों की रक्षा
करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत आज देश में 80 हजार से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर काम कर रहे हैं। ये
केंद्र गांव और घर के पास नि:शुल्क जांच सहित बेहतर प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं
मुहैया करा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का समापन यह कहते हुए किया कि हमें
भेदभाव की परंपरा को समाप्त करना चाहिए और उसी मानसिकता के साथ साथ चलना समय की
आवश्यकता है। एक सुनहरा दौर और पूरी दुनिया एक उम्मीद के साथ भारत की ओर देख रही
है और हमें इस मौके को नहीं गंवाना चाहिए।