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- पेट्रोल टैंक फुल करवा लीजिए, मोदी सरकार का ‘चुनावी’ ऑफर खत्म होने जा रहा है...राहुल गांधी
Posted by : achhiduniya
05 March 2022
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए ट्विट किया। दरअसल, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव 2022 के अंतिम चरण का प्रचार शनिवार को समाप्त हो गया। राहुल
गांधी ने कहा,
फटाफट पेट्रोल टैंक फुल करवा लीजिए। मोदी सरकार
का चुनावी ऑफर खत्म होने जा रहा है। अगले सप्ताह विधानसभा
चुनाव समाप्त होने के साथ ही पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने शुरू हो सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति
बैरल से अधिक हो चुकी है। इससे तेल कंपनियों को सामान्य
मार्जिन हासिल करने को लेकर पेट्रोल-डीजल के दाम में नौ
रुपए प्रति लीटर बढ़ोतरी करने की जरूरत है।
रूस से तेल की आपूर्ति में व्यवधान की आशंका से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल
का दाम 2014 के बाद पहली बार 110 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गए। पेट्रोलियम
मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के
मुताबिक, भारत जो कच्चा तेल खरीदता है उसके दाम एक मार्च को 102 डॉलर
प्रति बैरल से अधिक
हो गए। पेट्रोल-डीजल का यह मूल्य अगस्त 2014 के बाद सबसे
ज्यादा हैं। पिछले साल नवंबर की शुरुआत में जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में
वृद्धि पर लगाम लगी थी, तब कच्चे तेल की औसत कीमत 81.5
डॉलर प्रति बैरल थी। पिछले कई दिनों से कांग्रेस लगातार बीजेपी सरकार पर चुनाव के
दौरान पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने और चुनाव खत्म होने के तुरंत
बाद कीमतें बढ़ाने का आरोप लगाती रही है। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में
विधानसभा चुनाव का मौजूदा चरण 10 फरवरी से शुरू हुआ था जो 7 मार्च को खत्म होगा। मतों
की गिनती 10 मार्च को होगी। कंपनियों को पेट्रोल और
डीजल पर 5.7 रुपए प्रति लीटर उठाना पड़ रहा भार ब्रोकरेज कंपनी जे.पी.
मॉर्गन ने एक रिपोर्ट में कहा, अगले हफ्ते तक राज्यों के
विधानसभा चुनाव समाप्त हो जाएंगे। अनुमान है कि इसके बाद ईंधन की दरें दैनिक आधार
पर बढ़ सकती हैं। कच्चे तेल के दाम चढ़ने से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान
पेट्रोलियम को पेट्रोल और डीजल पर 5.7 रुपये
प्रति लीटर का घाटा उठाना पड़ रहा है। जे.पी. मॉर्गन के मुताबिक, तेल विपणन कंपनियों को सामान्य विपणन मुनाफा प्राप्त करने के
लिए खुदरा कीमतों में 9 रुपए प्रति लीटर या 10 प्रतिशत की वृद्धि करने की आवश्यकता है। घरेलू स्तर पर ईंधन की
कीमतों में लगातार 118 दिन से कोई बदलाव नहीं किया गया
है।