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- भविष्य में ड्रोन से होगा खेतो में बीजारोपण व कीटनाशकों का छिड़काव समय और लागत की होगी बचत...
Posted by : achhiduniya
24 March 2022
पंतनगर कृषि विश्विद्यालय के
शोध निदेशालय में वैज्ञानिकों और छात्रों ने कमर्शियल ड्रोन तैयार किया है। कुलपति
तेज प्रताप और शोध निदेशक अजीत नैन ने फसल अनुसंधान केंद्र में ड्रोन का शुभारंभ
किया। ड्रोन से गेहूं की फसल पर स्प्रे का ट्रायल भी किया गया। ये उत्तराखंड का
पहला कमर्शियल ड्रोन बताया जा रहा है। डॉ. नैन के अनुसार संभवत: देश में पहली बार किसी
कृषि यूनिवर्सिटी ने यह
प्रयोग किया है। नैन के मुताबिक इस ड्रोन का सबसे बड़ा
फायदा है कि इसके उपयोग से केमिकल का खर्चा 35 से 40 फीसदी तक कम हो जाता है। कुलपति
ने कहा कि ड्रोन के इस्तेमाल से अब किसान खेती की लागत को कम कर सकते हैं। ड्रोन
की मदद से फसलों पर रासायनिक कीटनाशकों का छिड़काव के साथ ही किसानों को खेती की
नई तकनीक से रूबरू कराने के लिए विश्वविद्यालय एक टीम भी बनाने जा रहा है। वहीं
कुलपति ने कहा कि आने वाले समय में स्प्रे ही नहीं,
फर्टिलाइज़र देने और बीजारोपण
करने जैसे कामों में भी ड्रोन का इस्तेमाल संभव होगा। यह 15 मिनट में 1 हेक्टेयर भूमि में खड़ी फसलों पर
कीटनाशक का स्प्रे कर सकता है। यह कई मज़दूरों के आधे दिन के काम को आधे घंटे से
भी कम समय में कर सकता है। इस तकनीक में कीटनाशक के
छिड़काव के साथ ही फसलों के रोगों को पहचानने की क्षमता भी विकसित की जा सकती है। विश्वविद्यालय
के वैज्ञानिक ड्रोन में मल्टी स्पेक्ट्रल कैमरे का प्रयोग करने जा रहे हैं। इससे
खेत पर खड़ी फसल पर लगे रोगों और कीटों की पहचान भी हो सकेगी। जो पौधे रोगग्रस्त हो
रहे हैं, केवल उन्हीं पर छिड़काव करना भी संभव हो सकेगा।