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- MSME सेक्टर भविष्य में भारत को और सशक्त बनाएगा पीएम मोदी..
Posted by : achhiduniya
30 June 2022
हमारे यहां बचपन से एक श्लोक सिखाया जाता है, और ये श्लोक हम सबने सुना है- उद्यमेन ही सिध्यन्ति, कार्याणि ना मनौरथे: यानि उद्यम करने से ही सिद्धि मिलती है, सिर्फ सोचते रहने से कुछ नहीं होता, और सोचने वालों की कमी नहीं होती। इस श्लोक के भाव को अगर मैं
आज के समय के हिसाब से थोड़ा बदल करके कहूं तो मैं ये कहूंगा कि MSME’s के उद्यम से ही आत्मनिर्भर भारत अभियान को सिद्धि मिलेगी, भारत सशक्त होगा। कहने को तो आप लोग सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी हैं, लेकिन
21वीं सदी का भारत जिस ऊंचाई को प्राप्त करेगा, उसमें
आप सभी की भूमिका बहुत अहम है। आज पूरी दुनिया भारत की अर्थव्यवस्था की गति को
देखकर
प्रभावित है और इस गति में बहुत बड़ी भूमिका हमारे MSME सेक्टर की है। इसलिए MSME आज Macro Economy की मजबूती के लिए जरूरी हैं। आज भारत जितना निर्यात कर रहा है, उसमें बहुत बड़ा हिस्सा MSME सेक्टर
का है। इसलिए MSME आज Maximum Exports के लिए जरूरी हैं। MSME सेक्टर
को मजबूती देने के लिए पिछले आठ साल में हमारी सरकार ने बजट में 650 प्रतिशत से
ज्यादा की बढोतरी की है। और इसलिए हमारे लिए MSME का मतलब
है - Maximum
Support to
Micro Small and Medium Enterprises! इस सेक्टर से 11 करोड़ से भी अधिक लोग इससे direct-indirect जुड़े हुए हैं। इसलिए MSME आज Maximum Employment के लिए बहुत जरूरी हैं। इसलिए जब 100 साल का सबसे बड़ा संकट आया
तो, हमने अपने छोटे उद्यमों को बचाने के साथ ही उन्हें नई ताकत देने
का भी फैसला किया। केंद्र सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत
साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए की मदद MSMEs के लिए
सुनिश्चित की।भारत का एक्सपोर्ट
लगातार बढ़े, भारत के
प्रॉडक्ट्स नए बाजारों में पहुंचें इसके लिए देश के MSME सेक्टर का सशक्त होना बहुत जरूरी है। हमारी सरकार, आपके इसी सामर्थ्य, इस
सेक्टर की असीम संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है, नई नीतियां बना रही है। हमारे देश के हर जिले में, हर हिस्से में जो हमारे अद्भुत उत्पाद हैं, उन लोकल उत्पादों को हमने ग्लोबल बनाने का संकल्प लिया है। प्रयास
ये है कि मेक इन इंडिया के लिए लोकल सप्लाई चेन बने, जो भारत
की विदेशों पर निर्भरता कम कर सके। अब इसलिए MSME सेक्टर
का विस्तार करने पर अभूतपूर्व बल दिया जा रहा है। इसी
कड़ी में आज अनेक नई योजनाएं
लॉन्च की गई हैं। हज़ारों करोड़ रुपए की ये योजनाएं, MSME की क्वालिटी और प्रमोशन से जुड़ी हैं। MSME इकोसिस्टम को और सशक्त करने के लिए लगभग 6 हजार करोड़ रुपए की ramp स्कीम हो, First time exporters को
प्रोत्साहन देने का कार्यक्रम हो, और प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन
प्रोग्राम के दायरे को बढ़ाने का निर्णय हो, सरकार
के इन महत्वपूर्ण प्रयासों से भारत के MSME सेक्टर
को और गति मिलने वाली है। थोड़ी देर पहले देश की 18 हज़ार MSMEs को 500 करोड़
रुपए से अधिक ट्रांसफर किए गए हैं, आपके सामने डिजिटली, already उनके एकाउंट को पैसे चले गए। 50 हजार करोड़ रुपए के सेल्फ
रिलायंट इंडिया फंड के तहत 1400 करोड़ रुपए से अधिक MSMEs के लिए रिलीज़ हुए हैं। सभी लाभार्थियों को, पूरे MSME sector को मैं
इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं, अनेक-अनेक
शुभकामनाएं देता हूं। अभी यहां मंच पर आने से पहले मुझे अनेक साथियों से बातचीत
करने का अवसर मिला और उन लोगों से मैं बात कर रहा था जिनको सरकार की किसी न किसी
योजना का उन्हें लाभ मिला था। अब उनहोंने उसमें अपने टेलेंट्स, अपने परिश्रम,
अपनी स्किल इन सबको लगा करके
एक नई दुनिया खड़ी कर दी है। बातचीत के दौरान जिस प्रकार का आत्मविश्वास मैं इन
मेरे नौजवान ज्यादतर थे, हमारी माताएं– बहनें थीं, बेटियां थीं। उन सब उद्यमियों
में मैं जो अनुभव कर रहा था, वो आत्मविश्वास और आत्मनिर्भर
भारत का जो अभियान है उसमें एक नई ऊर्जा का एहसास होता था। शायद मुझे ज्यादा समय
होता तो मैं और घंटों तक उनसे बातें करता रहता कि हरेक के पास कुछ न कुछ कहने को
है, हरेक के पास अपना अनुभव है,
हरेक का
अपना एक साहस है, हरेक ने अपनी आंखों के सामने अपनी प्रतिष्ठा को
बनते देखा है। ये अपने-आप में बड़ा सुखद अनुभव था। आज बहुत से साथियों को पुरस्कार
भी मिला है। जिन साथियों ने पुरस्कार प्राप्त किया है उनको मैं बधाई तो देता हूं
लेकिन जब पुरस्कार मिलता है तो अपेक्षाएं जरा ज्यादा बढ़ जाती हैं। हम चाहेंगे
कि आपने जो किया है, अब एक बहुत बड़ी छलांग लगाएं।
आपने जो किया है उससे आप अनेकों को प्रेरित करें और एक ऐसा माहौल हम बना दें कि अब
आगे ही आगे जाना है।
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