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- क्या शिवसेना के बाद एनसीपी के विधायक भी होंगे बागी...?
Posted by : achhiduniya
04 July 2022
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी के भीतर फूट
की भी अटकलें हैं क्योंकि पार्टी विधायकों का एक वर्ग खुश नहीं बताया जा रहा। अजीत
पवार के एक करीबी ने कहा कि वरिष्ठ नेता को लगता है कि विधानसभा में विपक्ष के
नेता के पद पर उनका स्वाभाविक दावा है, लेकिन
शरद पवार इस पद के लिए पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल के नाम पर भी
विचार कर रहे हैं। एनसीपी के 53 में से 46 विधायक ही विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए मतदान में हिस्सा
लेने के लिए विधान भवन पहुंचे। दो एनसीपी विधायक जेल में बंद
हैं। भाजपा के नरवेकर 164 मतों के साथ अध्यक्ष चुने गए। महा विकास अघाड़ी (राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना) ने स्पीकर पद के लिए राजन साल्वी को अपना
उम्मीदवार बनाया था। रविवार को चुनाव में भाग नहीं लेने वाले एनसीपी के पांच
विधायक दत्तात्रेय भराने, बबन शिंदे, नीलेश लंके, दिलीप मोहिते और अन्ना बंसोडे
हैं। इसके अलावा वरिष्ठ विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप
में जेल में हैं, जिन्होंने मतदान नहीं किया। एनसीपी नेताओं ने
कहा
कि एक जुलाई को भराने की मां गिरिजाबाई का निधन हो गया था, जबकि शिंदे निजी यात्रा पर ऑस्ट्रेलिया में थे। देर से विधान
भवन पहुंचने के कारण मोहिते और बंसोडे को मतदान प्रक्रिया में शामिल नहीं होने
दिया गया। लांके से संपर्क नहीं हो सका। मतदान प्रक्रिया के दौरान अनुपस्थित रहने
वाले इन विधायकों में से अधिकांश राकांपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री
अजीत पवार के करीबी माने जाते हैं। इस मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि शिवसेना
के विभाजित होने
से पहले एनसीपी का एक वर्ग बीजेपी के साथ फिर से जुड़ना चाहता था।
हालांकि, राकांपा प्रमुख शरद पवार और पार्टी सांसद सुप्रिया सुले इस तरह
के कदम के पक्ष में नहीं थे। रविवार देर शाम शरद
पवार की अध्यक्षता में मीटिंग हुई, जिसमें
पार्टी के विधायकों के मतदान नहीं करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। अजीत पवार ने
स्पीकर के चुनाव के दौरान एनसीपी विधायकों के अनुपस्थित रहने पर कोई टिप्पणी नहीं
की। वहीं,मोहिते ने कहा, मैं समय पर
पहुंच गया लेकिन मुझे वॉशरूम का इस्तेमाल करना पड़ा। मतदान प्रक्रिया उसी समय के
आसपास शुरू हुई। बाद में मैंने सुरक्षा कर्मियों से मुझे अंदर जाने की अनुमति देने
की अपील की,लेकिन उन्होंने मना कर दिया। ऐसा कुछ भी नहीं है
कि हम पार्टी के खिलाफ हैं।
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