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- नितिन गडकरी ने खोली मोदी सरकार की पोल सरकार समय पर फैसले नहीं...
Posted by : achhiduniya
23 August 2022
बीते दिनो नागपुर में एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा था कि उनका
अकसर राजनीति छोड़ने का मन करता है क्योंकि उन्हें लगता है कि जिंदगी में करने
के लिए बहुत कुछ है। समाजसेवी गिरीश गांधी को सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह
में गडकरी ने कहा था,कई बार मुझे लगता है कि मुझे
राजनीति छोड़ देनी चाहिए। राजनीति के अलावा भी जिंदगी में करने के लिए बहुत कुछ है।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि उनका मानना है कि राजनीति, सामाजिक बदलाव के लिए है,लेकिन
अब यह
सत्ता में बने रहने का जरिया अधिक बन गई है। एसोसिएशन ऑफ कंसल्टिंग सिविल
इंजीनियर मुंबई की ओर से आयोजित कार्यक्रम NATCON 2022 को
संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तकनीकी या संसाधनों से अधिक महत्वपूर्ण
समय है। गडकरी के इन शब्दों और पीएम
नरेंद्र मोदी की कुछ दिनों पहले किए गए उस कमेंट में विभिन्नता देखने में आई है
जिसमें पीएम ने अमृत काल या स्वर्ण युग के बड़े मील के पत्थरों को पार करने में
सरकार की कामयाबी का जिक्र किया था।
गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार समय
पर फैसले नहीं ले रही है और यह एक समस्या है। केंद्रीय मंत्री ने कहा,आप चमत्कार कर सकते हैं और ऐसा करने की क्षमता है। मेरा मानना
है कि भारतीय बुनियादी संरचना का भविष्य उज्ज्वल है। हमें अच्छी तकनीक, अच्छे नवाचार, अच्छे शोध और सफल प्रथाओं को दुनिया
और देश में स्वीकार करने की जरूरत है। हमारे पास वैकल्पिक मटेरियल होना चाहिए ताकि
हम क्वालिटी से समझौता किए बिना लागत कम कर सकें। समय निर्माण में सबसे अहम
चीज
है। समय सबसे बड़ी पूंजी है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकार समय पर फैसले नहीं
ले रही है।हालांकि बीजेपी के नेताओं का कहना है कि गडकरी के
यह शब्द किसी सरकार विशेष के लिए नहीं बल्कि सामान्य तौर पर सरकारों के लिए कहे
गए हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2024 के आम चुनाव सहित आने वाले चुनावों को ध्यान में
रखते हुए पिछले सप्ताह बीजेपी संसदीय बोर्ड का नए सिरे से गठन किया गया है, इसमें गडकरी को स्थान नहीं दिया गया है। गडकरी का इस महत्वपूर्ण
समिति से बाहर होना आश्चर्यजनक है। वे नरेंद्र मोदी कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री
हैं, वे बीजेपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। आमतौर पर
पार्टी, अपने पूर्व अध्यक्ष को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल
करती है। एक अन्य अहम बात यह है कि गडकरी, बीजेपी
की वैचारिक संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी हैं।
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