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- गरबा डांस पर जीसटी के काले बादल छाने से हंगामा...
Posted by : achhiduniya
04 August 2022
बड़े शहरों में वाणिज्यिक गरबा कार्यक्रमों के
प्रवेश पास एंट्री पर 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर-जीएसटी
लगाया जाता है। नौ दिवसीय नवरात्र उत्सव के
हिस्से के रूप में गुजरात के प्रमुख शहरों में वाणिज्यिक गरबा कार्यक्रमों का
आयोजन होता है। विपक्षी दलों के प्रदर्शन पर गुजरात के शिक्षा मंत्री और राज्य
सरकार के प्रवक्ता जीतू वघानी ने पलटवार करते हुए कहा कि वाणिज्यिक गरबा
कार्यक्रमों सहित किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रवेश पास पर जीएसटी 2017 से लागू है। अधिसूचना के मुताबिक गरबा या इस तरह के आयोजनों
से
संबंधित जीएसटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कोई नया जीएसटी नहीं लगाया गया है।
प्री-जीएसटी अवधि में, ऐसे आयोजनों में अगर प्रवेश के
लिए शुल्क की गई राशि प्रति व्यक्ति 500 रुपये से अधिक है तो प्रवेश पर सेवा कर 15
प्रतिशत लगाया जाता था। इसके अलावा, एम्बेडेड
कर थे क्योंकि ऐसे आयोजनों के लिए इस्तेमाल किए गए सामानों पर भुगतान किए गए वैट
का क्रेडिट सेवा कर के भुगतान के लिए उपलब्ध नहीं था। 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी
तभी देय है
जब किसी गरबा या इस तरह के आयोजन के लिए प्रवेश टिकट 500 रुपये से अधिक
है। (अधिसूचना संख्या 12/2017-सीटी (आर) दिनांक 28.06.2017, क्रम संख्या 81 संलग्न)। इस प्रकार, जीएसटी शासन के तहत कर पूर्व-जीएसटी शासन के समान ही रहा है। वघानी
ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों सहित सभी ने इसे मंजूरी दी थी। प्रवेश पास पर
जीएसटी का मुद्दा तब सामने आया जब वडोदरा स्थित एक गैर सरकारी संगठन यूनाइटेड वे
ऑफ बड़ौदा ने हाल ही में अपनी वेबसाइट पर लागू
जीएसटी दरों का उल्लेख किया। वेबसाइट
के अनुसार पुरुषों के लिए नौ दिन के पास की कीमत 4,838 रुपये होगी, जिसमें 4,100 रुपये प्रवेश शुल्क और 738 रुपये
के बराबर का 18 प्रतिशत जीएसटी शामिल है, जबकि
महिलाओं के लिए पास की कीमत 1,298 रुपये होगी, जिसमें 1,100 रुपये प्रवेश शुल्क और 198 रुपये के बराबर 18
प्रतिशत शामिल है। गुजरात आप के अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र
पटेल को पत्र लिखकर गरबा आयोजनों पर जीएसटी को वापस
लेने की मांग की। इसका जवाब
देते हुए शिक्षा मंत्री वाघानी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों पर 2017 से कर लागू है।
वाघानी ने कहा, विपक्ष केवल लोगों को भड़काने में दिलचस्पी रखता
है। यह विरोध राजनीति से प्रेरित है क्योंकि वर्ष 2017 से विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक
कार्यक्रमों पर जीएसटी है। केंद्र ने वर्ष 2017 में इस संबंध में एक अधिसूचना जारी
की थी और हर राज्य ने इस तरह के कर पर सहमति व्यक्त की थी। इस मामले को लेकर कांग्रेस और आप ने मंगलवार और
बुधवार को वडोदरा, सूरत और वलसाड में जीएसटी को वापस लेने की मांग करते
हुए विरोध प्रदर्शन किया।
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