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- मनोरोग को आमंत्रित करते है मन के गहरे दुख,जाने कारण व निवारण टिप्स...
Posted by : achhiduniya
22 November 2022
दुख आमतौर पर मन को सदमा देने वाले किसी घटनाक्रम
से इसकी शुरुआत होती है। सबसे आम वजह
किसी बेहद प्रिय व्यक्ति, रिश्तेदार की मौत। कई लोग ऐसे
मामलों से उबर पाने में असहाय महसूस करते हैं। कई अन्य परिस्थितियां भी गहरे दुख
की वजह बन सकती हैं। जिंदगी में भी कई बार दर्द-दुख के लमहें इतने गहरे होते हैं
कि जिनसे उबरने में हमें काफी वक्त लगता है। कई बार वक्त ही इन पर मरहम साबित होता
है, तो कई बार अपने लोगों के बीच गहरे दर्द के जख्मों को साझा कर
लेने से उन पर मरहम लगाना
आसान हो जाता है। दरअसल उत्सव और त्योहार भी होते ही
इसलिए हैं कि हम अपनों के साथ मिल-जुलकर खुशियां मनाएं और पुराने दुख-दर्दों को
भुला दें। इस बात को लेकर लंबे अरसे से चर्चा चलती रही है कि अपनी सूरत को मातमी
बना देने वाला गहरा दुख एक भावना है या बीमारी। मनोवैज्ञानिकों की राय में अगर वजह
को वक्त रहते पहचान कर उससे बाहर नहीं निकला गया, तो यह
कई मनोरोगों को बढ़ावा दे सकता है। स्विस मनोचिकित्सक एलिजाबेथ कुबलर-रोज ने अपनी
किताब ‘ऑन डेथ एंड डाइंग’ के साथ
इस विषय को छेड़ा था। उन्होंने ही गहरे दुख के पांच चरणों का खुलासा किया था जो आज
बहुत लोकप्रिय हो गए हैं और कई अन्य
परिस्थितियों में भी प्रासंगिक होते हैं। गहरा
दुख कई रुपों में देखा जा सकता है और इसकी वजहें भी अलग-अलग हो सकती हैं। कुछ लोग
गुस्सैल हो जाते हैं, कुछ की भूख मर जाती है, कुछ का आत्मविश्वास खत्म हो जाता है और कई अकेले में रोने लगते
हैं और लोगों से मिलने-जुलने की उनकी रुचि खत्म हो जाती है। बुजुर्गों की रोग
प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है। गहरे दुख के कारण:- # जीवनसाथी के साथ तलाक या किसी प्रियजन से बिछुड़ना,# माता-पिता, परिवार या दोस्तों से दूर जाना,# काम की जगह में बदलाव या सेवानिवृत्ति,# किसी हादसे या गंभीर बीमारी की वजह
से स्वास्थ्य बिगड़ जाना,# गर्भपात या बांझपन,# पारिवारिक
विवाद,# किसी दुर्घटना के बाद गहरे दुख का सामना।@ गहरे दुख के निवारण करने के उपाए:- अपने प्रियजनों, मित्रों से नियमित बातें करें। उनके साथ अपनी भावनाओं को साझा
करने से आपको राहत मिलेगी। विभिन्न गतिविधियों में खुद को व्यस्त करें। उन सभी
बातों से बचें जो आपको गहरे दुख की वजह याद दिलाती हो। हर दिन योग और ध्यान के
जरिये दिमाग को शांत करने की कोशिश कीजिए। जब आप दुखी हों तो शायद आपका दिमाग
ज्यादा मीठी खाद्य सामग्री की ओर आकर्षित हो सकता है, लेकिन आपको साफ
और पोषक आहार लेना चाहिए। हर रात 8 घंटे की
भरपूर नींद लीजिए,अगर नींद आने में दिक्कत हो तो रात को कैफिन का
सेवन बंद कर दीजिए। मिलन समारोह, सामाजिक कार्यक्रम या त्योहार
होते ही हैं खुद के और दूसरों के जीवन में खुशियां बिखेरना। ऐसे में जब आप किसी
दुखी परिजन,
मित्र या पड़ौसी से मिलें तो उसका दुख बांटने की
कोशिश जरूर करें। गहरे दुख पर वक्त से बड़ा कोई मरहम नहीं होता।
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