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एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना लागू 600 खुदरा दुकानों को "वन स्टॉप शॉप" के रूप में कार्य करने के लिए खोला गया...
Posted by : achhiduniya
23 December 2022
नई दिल्ली:- उर्वरक विभाग उर्वरक सब्सिडी भुगतान के लिए यूरिया सब्सिडी
योजना, पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना (एनबीएस) और प्रत्यक्ष लाभ
हस्तांतरण (डीबीटी) परियोजनाओं जैसी योजनाओं को लागू कर रहा है, जो उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पैन
इंडिया आधार पर लागू की जाती हैं। इसके अलावा, मंत्रालय
ने उर्वरक सब्सिडी योजना के तहत एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना लागू की, जिसका उद्देश्य उर्वरकों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के
साथ-साथ बाजार में उपलब्ध कई ब्रांडों में से एक को चुनने में किसानों की दुविधा
को दूर करना है। इस वर्ष के दौरान मौजूदा गांव, ब्लॉक/उप
जिला/तालुक और जिला स्तरीय
उर्वरक खुदरा दुकानों को मॉडल उर्वरक खुदरा दुकानों में
बदलने का निर्णय लिया गया है। ये दुकानें कृषि संबंधी सभी आदानों और सेवाओं के लिए
"वन स्टॉप शॉप" के रूप में कार्य करेंगी। जिला स्तर पर 600 खुदरा दुकानों को प्रधानमंत्री भारतीय जनरक्षक परियोजना {पीएमकेएसके} में बदला गया। जहां तक
यूरिया का संबंध है, यूरिया को वैधानिक रूप से
अधिसूचित एकसमान एमआरपी पर बेचा जाता है। वर्तमान में किसानों को यूरिया की
वैधानिक रूप से अधिसूचित
अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) 242 रुपये
प्रति 45 किलोग्राम यूरिया की बोरी (नीम कोटिंग और लागू होने वाले करों
को छोड़कर) पर किसानों को प्रदान किया जा रहा है। फार्म गेट पर यूरिया की
सुपुर्दगी लागत और यूरिया इकाइयों द्वारा शुद्ध बाजार वसूली के बीच का अंतर भारत
सरकार द्वारा यूरिया निर्माता/आयातक को सब्सिडी के रूप में दिया जाता है। इसके
अनुसार सभी किसानों को रियायती दरों पर यूरिया की आपूर्ति की जा रही है। उर्वरकों
की सब्सिडी दरें पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के अंतर्गत हैं जो वर्ष
2021-22 के लिए 20 मई 2021 और 13 अक्टूबर, 2021 (डीएपी और 3 सबसे अधिक उपयोग किए जाने
वाले एनपीके उर्वरकों पर विशेष मुआवजा देते हुए) में वृद्धि की गई थी और इसके बाद
खरीफ -2022
( 01 अप्रैल 2022 से 30 सितंबर, 2022 तक
लागू) के लिए काफी हद तक वृद्धि की गई, ताकि इन
उर्वरकों को किसानों को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जा सके।
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