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- महंगाई पर काबू पाने RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने दी बैंको को सलाह...
Posted by : achhiduniya
02 December 2022
बढ़ती महंगाई के चलते इस साल यूएस फेडरल रिजर्व
समेत दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में तेजी से इजाफा किया, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई। वहीं, इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी के असर से दुनियाभर के शेयर बाजारों
में भी काफी अस्थिरता देखने को मिली है। आरबीआई इस साल मई से अब तक रेपो दर में
1.90 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कम
मुद्रास्फीति के दौर में वापस जा सकती है इसलिए सख्त मॉनेटरी पॉलिसी अपनाने
वाले
केंद्रीय बैंकों को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने शुक्रवार को बैंक ऑफ
थाईलैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा,हमें संभावित रूप से निम्न मुद्रास्फीति दौर में वापस जाने के
लिए तैयार रहना चाहिए। राजन का बयान ऐसे समय आया है जब केंद्रीय बैंक के गवर्नर
शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली 6
सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक सोमवार से शुरू
होगी और मौद्रिक नीति की घोषणा 7 दिसंबर को की जाएगी। शिकागो बूथ स्कूल ऑफ
बिजनेस विश्वविद्यालय में फाइनेंस के प्रोफेसर राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंकों को खुद से पूछना चाहिए कि
जब मुद्रास्फीति निम्न से उच्च क्षेत्र में पहुंची थी तो क्या उनकी नीतियां काफी
तेज थीं। राजन ने कहा,हमें यह जांचने की जरूरत है कि
हम क्यों विवश हुए। हमें यह आकलन करने की आवश्यकता है कि अगर हम मुद्रास्फीति
निर्माण की पहचान नहीं कर पाते हैं तो क्या अगली बार भी इस तरह के हालात के लिए
तैयार रहें। इसलिए केंद्रीय बैंकों के लिए आज उन
नीतियों को आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है जो समय के साथ मुद्रास्फीति की गतिशीलता में
बदलाव प्रदान करती हैं, उन्होंने कहा कि
डी-ग्लोबलाइजेशन, चीन में धीमी वृद्धि और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में
K-शेप रिकवरी के कारण प्रतिकूल परिस्थितियों से ग्रोथ को नुकसान
हो सकता है।
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