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- नोटबंदी का फैसला गैरकानूनी था,जस्टिस बी.वी.नागरत्ना ने केन्द्र सरकार को बताया जिम्मेदार
Posted by : achhiduniya
02 January 2023
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 8 नवंबर 2016 की रात
8 बजे 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की
पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बहुमत के आधार पर वैध करार दिया। वहीं जस्टिस बी. वी. नागरत्ना ने अपनी असहमति जताई। उन्होंने
कहा कि केन्द्र सरकार का 8 नवंबर का नोटबंदी का फैसला
गैरकानूनी था। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि केन्द्र सरकार के कहने पर सभी सीरीज़ नोट
को प्रचलन से बाहर कर दिया जाना काफी गंभीर विषय है। इसके साथ ही जस्टिस ने कहा कि
नोटबंदी
का फैसला केन्द्र सरकार की अधिसूचना के जरिए ना होकर विधेयक के जरिए होना
चाहिए था, ऐसे महत्वपूर्ण फैसलों को संसद के सामने रखना चाहिए था। आरबीआई
द्वारा दिए गए रिकॉर्ड से ये साफ होता है कि रिजर्व बैंक द्वारा स्वायत्त रूप से
कोई फैसला नहीं लिया गया बल्कि सबकुछ केन्द्र सरकार की इच्छा के मुताबिक हुआ। नोटबंदी
करने का फैसला सिर्फ 24 घंटे में ले लिया गया। जस्टिस
नागरत्ना ने ये भी कहा कि केंन्द्र सरकार के.प्रस्ताव पर रिजर्व बैंक द्वारा दी गई
सलाह को
कानून के मुताबिक दी गई सिफारिश नही मानी जा सकती। कानून मे आरबीआई को दी
गई शक्तियों के मुताबिक किसी भी करेंसी के सभी सिरीज को बैन नही किया जा सकता
क्योंकि सेक्शन 26(2)के तहत किसी भी सिरीज का मतलब सभी सिरीज नही है। नोटबंदी
पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को रद्द कर सुप्रीम
कोर्ट ने नोटबंदी को वैधानिक करार दिया है।