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हलाला व महिलाओ को बच्चे पैदा करने की खेती और भोगने की वस्तु समझने वाले अजमेर के सरवर चिश्ती के लड़की चीज ही..बयान पर वीएचपी का पलटवार
Posted by : achhiduniya
12 June 2023
अजमेर 92 फिल्म
को लेकर दिए अपने बयान में सरवर चिश्ती ने कहा कि, आदमी
पैसों से और मूल्यों से करप्ट नहीं हो सकता। लड़की चीज ही ऐसी है कि बड़े से बड़ा
फिसल जाता है। उन्होंने कहा कि विश्वामित्र जैसे भटक सकते हैं। सरवर चिश्ती यहीं
नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि जितने भी बाबा लोग जेल में हैं, ये
सिर्फ वो हैं, जो
लड़की के मामले में फंसे हैं। चिश्ती ने कहा कि ये सब्जेक्ट है जहां बड़े से बड़ा
फिसल जाता है। सरवर चिश्ती ने इल्जाम लगाते हुए कहा कि, जहां
चुनाव होता है वहां ऐसी फिल्म तैयार की जाती है। पहले कश्मीर फाइल्स उसके बाद
केरला स्टोरी और अब अजमेर फाइल्स 92 जैसी
फिल्म बनाई जा रही है,लेकिन कर्नाटक चुनाव में जनता ने इनको नकार दिया। उन्होंने
आरोप लगाया कि अजमेर 92 मूवी में ढाई सौ लड़कियों के साथ रेप और ब्लैकमेल करने की
कहानी बताई
गई है। जब कि उस समय केवल 12 लड़कियों
ने ही ऐसी शिकायत की थी। सरवर चिश्ती के इस बयान पर विश्व हिंदू परिषद ने आपत्ति
जताई और उन्हें आड़े हाथों लिया। वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने सरवर चिश्ती के इस
बयान को लेकर कहा कि, जो लोग महिलाओं को खेती समझते हों और उनसे हलाला करवाते हों, वो
लोग उन्हें भोग्या से ज्यादा और क्या समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को
भारतीय कहने में शर्म आती है। गौरतलब है की चिश्ती
ने आरोप लगाते हुए कहा कि अजमेर 92 फिल्म में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह और एक शिक्षण संस्थान
को बदनाम करने की कोशिश हो रही है।
उन्होंने ऐसी किसी भी घटना के सामने आने से
इनकार किया और कहा कि दरगाह से जुड़े खादिम समुदाय चिश्ती को बदनाम करने का प्रयास
किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ब्लैकमेल में कई लोग शामिल थे, लेकिन
खादिम समुदाय को ही बदनाम किया जा रहा है। चिश्ती ने कहा कि राजस्थान में होने
वाले विधानसभा चुनावों को लेकर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। वीएचपी
प्रवक्ता विनोद बंसल ने चिश्ती के बयान को घिनौना करार देते हुए कहा कि अजमेर
दरगाह के खादिम सरवर चिश्ती के बयान ने इस फिल्म की प्रासंगिकता पर स्वत: मुहर लगा
दी। बंसल ने आगे कहा कि, सरवर चिश्ती ने कहा कि लड़की चीज ही ऐसी है, हर
कोई फिसल जाता है। क्या ये व्यक्ति अपनी मां को भ्रष्ट नहीं कह रहा जिससे ये पैदा
हुआ। बंसल ने आगे कहा कि, जो लोग महिलाओं को खेती समझते हों, जो
उनसे हलाला करवाते हों, वे भला
नारी को भोग्या से अधिक और क्या समझेंगे। विनोद बंसल
ने कहा कि जो लोग जन्नत में जाकर भी 72 हूरों
से अय्याशी का सब्जबाग देखते हों और उन्हें तीन तलाक, हिजाब
और काले बोरे में कैद रखने को मजबूर करते हों, वो
लोग नारी को भोग्या से ज्यादा और क्या समझेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को
भारतीय करने पर भी शर्म आती है।