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- कैसे शुरू हुई शरीर गुदवाने यानि टैटू छपवाने की चाहत....?
Posted by : achhiduniya
29 December 2023
लोक कलाओं एक अनुसार टैटू
को प्राचीन काल में गोदना ही कहा जाता था। इसका इतिहास एक रहस्य है,क्योंकि शरीर में गुदाई करने के युग की शुरूआत का कोई
अभिलेख मौजूद नहीं हैं। वैसे
इसके पीछे की सबसे प्रमाणिक कहानी कुछ और ही मानी जाती है।
प्राचीन समय में जिन लोगों के शरीर पर लेखनी बनाई गई वे ब्राह्मण हो गए, जिसे तलवार दी गई वे क्षत्रिय और जिसे हल और नागर दिया वे
गोंड हो गये। जिसे
जाल दिया वह केवट और जिसे ढोल मिला वो ढुलिया हो गया। इस
कहानी का मतलब है कि गोदना जातीय पहचान से भी
जुड़ी हुई चीज है।
मध्यप्रदेश की प्रायः सभी जातियों में गुदने का चलन है। यहां
पुरुष और महिला दोनों गोदना करवाते हैं। बैगा जनजाति में ये सबसे ज्यादा
लोकप्रिय है। बैगा
महिलाएं पूरे शरीर पर मोटी रेखाओं से गुदना गुदवाती हैं। ऐसा
माना जाता है कि गाओं के गुदने मध्यप्रदेश की सभी जनजातियों से बिल्कुल और प्राचीन
हैं। इसके
अलावा रामनामी लोगों के शरीर पर बने टैटू भी बेहद चर्चित रहे हैं। ये
परंपरा 100 सालों
से भी ज्यादा पुरानी है। इन
लोगों ने अत्याचार के खिलाफ अपनी भक्ति से प्रदर्शन के लिए अपने पूरे शरीर पर राम
के नाम का टैटू करवाया।