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- “क्षेत्रीय भूजल मुद्दे आणि प्रबंधन” तीन दिवसीय टियर-II प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
Posted by : achhiduniya
15 February 2024
नागपुर:- भारत सरकार,जलशक्तिमंत्रालय, जल संसाधन,नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के अधीनस्थ कार्यालय
,केंद्रीय भूमिजल बोर्ड,मध्य क्षेत्र, नागपुर द्वारा राजीव गांधी राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण
एवं अनुसंधान संस्थानके तत्वाधान दिनांक 14 से16फरवरी2024 तक प्रोफेसर एल. जी. ग्वालानीसभागृह, भूविज्ञान विभाग,राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ, नागपुरमें “क्षेत्रीय भूजल मुद्दे आणि प्रबंधन”इस विषय पर तीन दिवसीयटियर- II
प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया है । भूजल संवर्धन व प्रबंधन संबंधित सभी पहलूओं एवं स्थानीय भूजल समस्या आदि का मूल भूत ज्ञान देना,भूजल प्रबंधन योजना तैयार कर महाराष्ट्र राज्य
में उसे कार्यान्वित करना व जन सहभागीदारी को बढ़ावा देना यह इस प्रशिक्षण कार्यक्रम
के मुख्य उद्देश्य है। इस टियर-II प्रशिक्षण कार्यक्रममें केंद्र/राज्यसरकार के
अधिकारियों कों, जल विकास एवं प्रबंधन से संबंधितसंस्थाओं(NGOs),शैक्षणिक संस्थाओं आदि को प्रशिक्षण दिया
जाता है । टियर-II प्रशिक्षण
कार्यक्रम का उद्घाटन दिनांक 14 फरवरी 2024 को सम्पन्न हुआ। मंच पर मुख्य अतिथि
के रूप में माननीय महोदया डॉ. स्मिता आचार्य,प्रोफेसर वनिदेशक (IQAC), रा.तु.म. नागपुर विद्यापीठ, अध्यक्ष के रूप में श्री. एन. वरदराज, क्षेत्रीय निदेशक, के.भू.बो., म.क्षे., नागपुर तथा अन्य विशेष अतिथि के रूप में डॉ.
सुमेध हुमने, प्रोफेसरव
भूविज्ञान विभाग प्रमुख, रा.तु.म. नागपुर विद्यापीठ,डॉ. विवेक काले, वैज्ञानिक,MRSAC,नागपुर,श्रीमति निलोफर, वैज्ञानिक, के.भू.बो., म.क्षे. और श्री. कल्याण जाटव, कार्यपालक अभियंता, के.भू.बो.,प्रभाग VI,नागपुर आदि मान्यवर उपस्थित थे । इस उद्घाटन कार्यक्रम का समालोचन डॉ. सायली भांगे, रसायनतज्ञ, के.भू.बो., म.क्षे., नागपुर ने किया ।
इस कार्यक्रम में कुल 29 भूविज्ञान विभाग के विद्यार्थियों ने भाग लिया ।
इसके अलावा भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर भी शामिल हुए।
श्रीमति निलोफर, वैज्ञानिक ने अपने स्वागत पर भाषण में केंद्रीय
भूमिजल बोर्ड के उद्देश्यऔर तीन दिवसीयटियर-IIप्रशिक्षण कार्यक्रम का ब्यौरा प्रस्तुत किया। विशेष अतिथि डॉ. सुमेध हुमने, प्रोफेसर ने विद्यार्थियो को डीप सीटेड भूजल
संबंधित जो नया अनुसंधान/रिसर्च हुआ है उसके बारे में जानकारी दी व भविष्यमें इस
भूजल संबंधित अनुसंधान के लिये आत्मसात करने पर ज़ोर दिया।
विशेष अतिथि डॉ. विवेक काले, वैज्ञानिक ने कहां की MRSAC के पोर्टल पर भूजल संबंधित नक्शे उपलब्ध है, जिसका लाभ भूविज्ञान में कार्यरत विद्यार्थियों
ने लेना चाहिये ।अध्यक्ष श्री. एन. वरदराज, क्षेत्रीय निदेशक ने उपस्थित विद्यार्थियों का
ध्यान जल प्रदूषण की तरफ खींचा और कहा की जल प्रदूषण सजीवों के लिये कितना
हानिकारक है। हर व्यक्ति को अपने और दूसरों के स्वास्थ व पर्यावरण को ध्यान में
रखते हुए कार्य करने की आवश्यकता है। जिससे हम आने वाले पीढ़ी के भविष्य को
सुरक्षित कर सकें।मुख्य अतिथि माननीय महोदया डॉ. स्मिता आचार्य,प्रोफेसर व निदेशक (IQAC),रा.तु.म. नागपुर
ने स्थानीय भूजल संबंधित मुद्दे व उसका प्रबंधन एवं पुनर्भरण के महत्व पर ज़ोर दिया
और विद्यार्थियों को कहा कि सभी इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ उठाये
और ज्ञान प्राप्त करे।डॉ. स्मिता आचार्य मैडम ने श्री एन. वरदराज, क्षेत्रीय निदेशकके.भू.बो.,नागपुर से जल जैसे महत्वपूर्ण विषय पर इस तरह के
प्रशिक्षण कार्यक्रम भूविज्ञान विभाग के अलावा अन्य विभागों के विद्यार्थियों के
लिए भी आयोजित करने का अनुरोध किया।अंत में श्रीआश्विन कुमार आटे, वैज्ञानिक, के.भू.बो., म.क्षे., ने मंचासीन मान्यवरों को धन्यवाद दिया और
विद्यार्थियों को अगले दो दिन इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित रह कर कार्यक्रम
को सफल बनाने के लिये आग्रह किया ।