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- देश की जनसांख्यिकी में हुए बदलाव किस समुदाय की आबादी कितनी जाने ...?
Posted by : achhiduniya
09 May 2024
प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने अपनी ताजा
रिपोर्ट में देश की रिलीजियस पॉपुलेशन शेयर को लेकर ये खुलासे किए हैं। रिपोर्ट
में कहा गया कि पारसी धर्म के लोगों की संख्या में 85 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है। 1950 में इनकी संख्या देश की कुल आबादी का 0.03 फीसदी हिस्सा थी, जो 2015 में
घटकर 0.004 फीसदी
रह गई। पारसी और जैन समुदाय के अलावा बाकी सभी अल्पसंख्यकों की संख्या बढ़ी है और सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मुसलमानों की संख्या में देखी गई है। वहीं हिंदुओं की आबादी में 7.82 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट के हिसाब से
देश के अन्य अल्पसंख्यक समुदायों- सिख, बौद्ध
और ईसाइयों की संख्या में भी
इजाफा हुआ है। देश की सिख और ईसाई धर्म की आबादी में 6 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। ईसाई समुदाय के
पॉपुलेशन शेयर में 1950 से
2015 के
बीच 5.38 फीसदी
की बढ़ोतरी हुई है। 1950 में
उनकी आबादी 2.24 थी, जो 2015 में
बढ़कर 2.36 फीसदी
हो गई। सिखों की जनसंख्या में 6.58 फीसदी
की बढ़ोतरी देखी गई। 1950 में
देश में 1.24 फीसदी
सिख रहते थे, जो
2015 में
बढ़कर 1.85 फीसदी
हो गए। बौद्ध समुदाय का पॉपुलेशन शेयर 0.05
फीसदी से बढ़कर 0.81 फीसदी
हो गया है। जैन समुदाय की आबादी में भी भारी गिरावट देखी गई है।
देश की कुल आबादी
में इनकी हिस्सा घटकर 0.36 फीसदी
रह गया है, जबकि
साल 1950 में
यह आंकड़ा 0.45 फीसदी
था, जो
2015 में
0.36 फीसदी
हो गया। रिपोर्ट में बताया गया कि साल 1950
से 2015 के
बीच 65 सालों
में मुस्लिम आबादी 43.15 फीसदी
बढ़ी है। 1950 में
भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या देश की कुल आबादी का 9.84 फीसदी हिस्सा थी, जो 2015 में
14.09 फीसदी
हो गई। हिंदुओं की बात करें तो 65 सालों
में उनका शेयर घटकर 78.06 फीसदी
रह गया। 1950 में
भारत में 84.68 फीसदी
हिंदू रहते थे और 2015 तक
इनके पॉपुलेशन शेयर में 7.82 फीसदी
की कमी आई है।