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- जनसंख्या वृद्धि पर ये क्या बोल गए मोहन भागवत….?
Posted by : achhiduniya
01 December 2024
नागपुर में कठाले कुलसम्मेलन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते
हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा,जनसंख्या में गिरावट चिंता का विषय
है। आधुनिक जनसंख्या विज्ञान कहता है कि जब किसी समाज की जनसंख्या (प्रजनन दर) 2.1 से नीचे चली जाती है तो वह समाज
धरती से लुप्त हो जाता है। इस तरह से कई भाषाएं और समाज नष्ट हो गए। जनसंख्या 2.1 से नीचे नहीं जानी चाहिए। उन्होंने
कहा,हमारे
देश की जनसंख्या नीति 1998 या
2002 में
तय की गई थी। इसमें यह भी कहा गया है कि किसी समाज की जनसंख्या 2.1 से नीचे नहीं जानी चाहिए। देश की
जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 होनी
चाहिए। यह संख्या समाज को जीवित
रहने के लिए महत्वपूर्ण है। मोहन भागवत ने
जनसंख्या वृद्धि के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि मनुष्य के जन्म दर को 1 नहीं रखा जा सकता और इसलिए कम से
कम 2 या
3 बच्चों
का जन्म होना चाहिए। जनसंख्या वृद्धि दर को सही बनाए रखना देश के भविष्य के लिए
जरूरी है। मोहन भागवत ने घटती जनसंख्या दर पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि
दर में गिरावट समाज के लिए ठीक नहीं है। आरएसएस चीफ ने परिवार के महत्व पर जोर
देते हुए कहा कि अगर किसी समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे चली जाती है,तो वह समाज अपने आप नष्ट हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि परिवार समाज का हिस्सा है और हर परिवार एक इकाई है।
मोहन भागवत का यह बयान इस बात पर प्रकाश डालता है
कि अगर जनसंख्या वृद्धि की दर बहुत कम हो जाती है तो यह देश के विकास,
श्रमबल और सामाजिक ढांचे पर नकारात्मक
प्रभाव डाल सकता है। नागपुर में कथाले कुल सम्मेलन में बोलते हुए भागवत ने सामाजिक संरचना की
आधारशिला के रूप में जनसंख्या के महत्व को रेखांकित करते हुए यह बात कही है।