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- कब और कैसे हुई होम्योपैथी की शुरुआत ? कौन है होम्योपैथी के जनक क्या है इलाज का तरीका?
Posted by : achhiduniya
13 April 2025
होम्योपैथी की
शुरुआत 1796 में
जर्मनी में हुई थी। जर्मन डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन इसके जनक कहे जाते हैं। सैमुअल
हैनीमैन पहले एलोपैथी डॉक्टर थे जिन्होंने होम्योपैथी की खोज करने के बाद खुद को
कनवर्ट कर लिया। डॉक्टर सैमुअल का जन्म 10 अप्रैल को हुआ था, इसीलिए पूरी दुनिया 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस के रूप में
मनाती है। भारत में होम्योपैथी के पहले डॉक्टर महेंद्र लाल सरकार थे। जो पहले
एलोपैथी डॉक्टर हुआ करते थे। होम्योपैथी एक ऐसी चिकित्सा प्रणाली है जो लाइक क्योर
लाइक के सिद्धांत पर
आधारित है। जिसमें होम्यो जिसे ग्रीक में समान कहा जाता है।
पैथो ग्रीक भाषा में रोग को कहते हैं। दूसरे शब्दों में समझें तो एक पदार्थ जो
बड़ी मात्रा में दिए जाने पर रोग उत्पन्न करता है, वही पदार्थ उस रोग को ठीक कर सकता है जब इसे कम
मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। माना जाता है कि यह छोटी सी मात्रा शरीर के
इलाज तंत्र को उत्तेजित करती है। होम्योपैथी में एलोपैथी से इलाज का तरीका काफी
अलग होता है। होम्योपैथी में बीमारी की इलाज तो किया ही जाता है साथ ही लक्षणों का
भी इलाज किया जाता है।
जबकि एलोपैथी में बीमारी का डायग्नोसिस करके उसका इलाज किया
जाता है। जबकि होम्योपैथी में बीमारी के लक्षणों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
होम्योपैथी में किसी भी बीमारी के लक्षणों को लेकर एक ही दवा का चुनाव किया जाता
है और मरीज को एक ही दवा की डोज दी जाती हैं। मान लीजिए किसी को हार्ट,
किडनी और नर्व की समस्या है तो इसके जो भी
लक्षण सामने आ रहे हैं उसके लिए एक ही दवा दी जाएगी, जो कि एलोपैथी से अलग है। क्योंकि एलोपैथी में इन
तीनों परेशानी में अलग-अलग दवा दी जाती हैं।
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