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- घंटाघर की ऊंचाई बनी पटना एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स लैंडिंग में रोड़ा
Posted by : achhiduniya
18 June 2025
पटना सचिवालय स्थित
घंटाघर 1917 में बना
था। लंदन और मैनचेस्टर के बिगबेन टावर की तर्ज पर इसे बनाया गया है। तब टावर की
ऊंचाई 198 फीट थी।
1934 में बिहार में भूकंप
आने पर यह क्षतिग्रस्त हो गया और इसकी ऊंचाई घटकर 184 फीट हो गई। 1924 में टावर में घड़ी लगाई गई। पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई
अड्डा पर नागरिक सुविधाओं और सुरक्षा मानक को लेकर जिला प्रशासन के साथ एयरपोर्ट
अथॉरिटी की हुई एक बैठक में ये बातें रखी गईं। कुछ दिन पहले तक पटना के डीएम रहे
और अब
पटना के प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. चंदशेखर सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की
गई। बैठक में चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि विमानों की सुरक्षा की दृष्टि से यह मामला
काफी गंभीर है। इसीलिए सचिवालय के टावर को कम करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को
भेजा जाएगा जिस पर सरकार द्वारा निर्णय लिया जाएगा। पटना में सचिवालय के घंटाघर की
काफी अधिक ऊंचाई की वजह से पटना एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स की लैंडिंग मे काफी दिक्क़तें
होती हैं। इस वजह से 134 मीटर रनवे का इस्तेमाल नहीं हो पाता है। विमान को साढ़े तीन डिग्री पर
लैंडिंग करनी पड़ती है जो सुरक्षा मानक के अनुसार सही नहीं है। यदि घंटाघर की
ऊंचाई 17.5 मीटर कम
कर दी जाएगी तो विमानों को रनवे पर उतरने में आसानी होगी।
बैठक में एयरपोर्ट के निदेशक ने भी कहा कि
वर्तमान में घंटाघर की ऊंचाई 49.5 मीटर है। पटना के सचिवालय के इसी घंटाघर की ऊंचाई
की वजह से एयरपोर्ट पर उतरने वाले विमानों को परेशानी होती है। इस कारण 134 मीटर रनवे का उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस बैठक में पटना के डीएम त्यागराजन एसएम,
एसपी ट्रैफिक अपराजित लोहान,
नगर निगम के अपर नगर आयुक्त,
डीएफओ, एयरपोर्ट के निदेशक, कमान्डिंग ऑफिसर भारतीय वायुसेना बिहटा के
पदाधिकारी भी मौजूद थे।