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- 5 साल में सरकारी बैंकों ने सिर्फ ऑनलाइन सेवाओं से 2,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की...
Posted by : achhiduniya
29 July 2025
बीते सितंबर 2024
से
अप्रैल 2025 के बीच RBI
ने
अमेरिकी डॉलर और रुपये के हिसाब से जो दखल दिए हैं, उनका ब्योरा सरकार ने
संसद में रखा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया [RBI] के मुताबिक भारतीय
रुपया का मूल्य बाजार से तय होता है। इसके लिए कोई
तय टारगेट या रेंज नहीं होती। RBI विदेशी मुद्रा बाजार पर
लगातार नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर ज्यादा उतार-चढ़ाव होने पर दखल देता है। 28
जुलाई
2025 को लोकसभा सत्र के दौरान सांसद डॉ. टी सुमथी उर्फ
तमिझाची थंगपांडियन और थिरु डी एम काथिर आनंद ने बैंकों के सर्विस चार्ज से होने
वाली कमाई और विदेशी मुद्रा भंडार पर RBI की निगरानी को लेकर
सवाल पूछे। जिसके जवाब में बताया
गया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)
के
कस्टमर सर्विस इन बैंक्स मास्टर सर्कुलर के मुताबिक, हर बैंक के बोर्ड को
अपनी दी जाने वाली सेवाओं पर सर्विस चार्ज तय करने का अधिकार है,
बशर्ते
ये चार्ज वाजिब हों और सेवा देने की औसत लागत के अनुरूप हों। इसके अलावा बैंकों को
कहा गया है कि वे अपनी वेबसाइट और ब्रांच के नोटिस बोर्ड पर इन चार्जेस की पूरी
जानकारी दें ताकि ग्राहक को सारी जानकारी आसानी से मिल सके। पिछले पांच साल में
सरकारी बैंकों (PSBs) ने ऑनलाइन सेवाओं (जैसे
डेबिट कार्ड से मर्चेंट ट्रांजैक्शन,
इंटरनेट/मोबाइल बैंकिंग,
सरकारी
लेनदेन, फॉरेक्स ट्रांजैक्शन, फीस पेमेंट और IMPS/NEFT/RTGS
जैसे
पेमेंट सर्विस) से जो कुल रकम कमाई है, उसका ब्योरा सरकार ने
दिया है। साथ ही PSBs ने ऑनलाइन और ऑफलाइन
(ब्रांच नेटवर्क) दोनों तरीकों से जो नॉन-इंटरेस्ट इनकम (यानि ब्याज से इतर कमाई)
की है, उसमें पिछले पांच साल (FY
2019-20 से FY 2024-25) में 9.15%
की
सालाना ग्रोथ रही है। बैंक हर तरह की सेवा के लिए फीस लेते हैं,
चाहे
आप वो सेवा ऑनलाइन लें या ब्रांच में जाएं? वित्त मंत्रालय ने
लोकसभा में बताया कि बैंकों को उनकी दी जाने वाली अलग-अलग सेवाओं पर वाजिब सर्विस
चार्ज लेने की इजाजत है। पिछले पांच साल में सरकारी बैंकों ने सिर्फ ऑनलाइन सेवाओं
से 2,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है। यह जानकारी
वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में दी।