- Back to Home »
- Judiciaries »
- सुप्रीम कोर्ट न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, धरती पर किसी भी दस्तावेज को जाली बनाया जा सकता है
Posted by : achhiduniya
30 July 2025
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव
आयोग ने तर्क दिया कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है। कोर्ट ने फर्जी राशन
कार्डों के बारे में चिंता जताई। साथ ही कहा कि बड़े पैमाने पर जालसाजी के कारण उन
पर भरोसा करना मुश्किल हो गया है। आयोग ने माना कि आधार
को पहचान के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। पंजीकरण फॉर्म में इसकी
संख्या पहले से ही मांगी गई है। न्यायमूर्ति
सूर्यकांत ने कहा,
धरती
पर किसी भी दस्तावेज को जाली बनाया जा सकता है। उन्होंने चुनाव आयोग पर
यह स्पष्ट करने का दबाव डाला कि आधार और ईपीआईसी को पूरी तरह से स्वीकार क्यों
नहीं किया जा रहा है, जबकि पंजीकरण फॉर्म में
आधार पहले से ही मांगा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि चुनाव आयोग की अपनी सूची
में कोई भी दस्तावेज निर्णायक नहीं है, तो यही तर्क आधार और
ईपीआईसी पर भी लागू हो सकता है।
पीठ ने पूछा, अगर कल को आपके द्वारा
स्वीकार किए गए अन्य दस दस्तावेज भी जाली पाए गए, तो इसे रोकने की
व्यवस्था कहां है? बड़े पैमाने पर लोगों
को शामिल करने की बजाय बड़े पैमाने पर लोगों को बाहर क्यों रखा जा रहा है?
कोर्ट
ने यह भी अनुरोध किया कि यदि किसी को सूची से बाहर रखा जाता है तो प्रक्रिया के
लिए समयसीमा निर्धारित की जाए। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने
चुनाव आयोग के बहिष्कारपूर्ण दृष्टिकोण पर चिंता व्यक्त की है। साथ ही कोर्ट की
पीठ ने सत्यापन प्रक्रिया में
दोनों दस्तावेजों को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया है।