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- मैरिज रजिस्ट्रेशन को लेकर जागरूक हो रहे बिहार के दूल्हा-दुल्हन
Posted by : achhiduniya
28 July 2025
विवाह निबंधन से न
केवल कानूनी मान्यता मिलती है, बल्कि यह जोड़ों के अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित
करता है। यह अधिनियम किसी भी धर्म के जोड़ों पर लागू होता है,
चाहे वे अंतरधार्मिक विवाह कर रहे हों या
नहीं,इसके तहत विवाह के लिए पुरुष की आयु 21 वर्ष और महिला की 18 वर्ष होनी चाहिए। दोनों मानसिक रूप से स्वस्थ
होने चाहिए और उनके बीच प्रतिबंधित संबंध नहीं होना चाहिए। विवाह पंजीकरण के लिए
जोड़ों की आयु 21 वर्ष
होने के साथ उनके पास पहचान प्रमाण, निवास प्रमाण, आयु प्रमाण और विवाह का प्रमाण जैसे जरुरी दस्तावेज
होने अनिवार्य हैं। विवाह और पंजीकरण के लिए जोड़े को अपने क्षेत्र के नजदीकी
निबंधन कार्यालय में 30
दिन पहले ऑनलाइन या ऑफलाइन रूप में आवेदन करना होगा। विवाह और पंजीकरण
के बाद पति या पत्नी के लिए अलग-अलग विवाह प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। बिहार
में मैरिज रजिस्ट्रेशन को लेकर नये जोड़ों में जागरुकता तेजी से बढ़ रही है। मद्य
निषेध, उत्पाद
एवं निबंधन विभाग के अनुसार विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत इस साल जनवरी से अप्रैल तक राज्यभर में
कुल 869 जोड़ों
का विवाह संपन्न हुआ इनमें से 2 हजार 821 जोड़ों ने विवाह का पंजीकरण कराकर इसे कानूनी
मान्यता दी। पटना जिला इस मामले में सबसे आगे है। जिले में साल 2023
से अप्रैल 2025 तक 4 हजार 138 विवाह संपन्न हुए और 4 हजार 439 विवाह पंजीकृत किए गए।
बिहार के अन्य जिलों में
भोजपुर में 1 हजार 103,
गया में 870, मुजफ्फरपुर में 783 और पश्चिम चंपारण में 672 विवाह पंजीकृत हुए। यह आंकड़ा वर्ष 2023
से अप्रैल 2025 के बीच का है। पिछले 2 साल में अवर निबंधन कार्यालयों और जिला निबंधन
कार्यालयों में विशेष विवाह अधिनियम के तहत 18 हजार 465 विवाह पंजीकृत हुए। 2023 में 9 हजार 493 और 2024 में 8 हजार 972 विवाह के पंजीकरण शामिल हैं। इस दौरान कुल 5
हजार 693 विवाह भी संपन्न कराए गए। विशेष विवाह अधिनियम,
1954 की धारा 2(बी) के तहत प्रतिबंधित रिश्तों की डिग्री
के बीच विवाह वर्जित है।
यह प्रतिबंध खून
के रिश्ते, दत्तक
ग्रहण (गोद लिए गए रिश्ते), पूर्ण रक्त (एक ही माता-पिता से जन्में),
अर्ध रक्त(एक ही पिता,
लेकिन माता अलग) और गर्भ रक्त (एक ही माता,
लेकिन पिता अलग) पर लागू होता है। प्रतिबंधित
रिश्तों की सूची (प्रथम अनुसूची के अनुसार) पुरुष मां
, नानी, बेटी, पोती, इत्यादि और महिला पिता, बेटा, पोता, भाई, भतीजा या अन्य नजदीकी रिश्ते में विवाह प्रतिबंधित
है। प्रतिबंधित रिश्तों में विवाह सामान्य रूप से अमान्य माना जाता है।