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Posted by : achhiduniya
15 November 2014
शौक किस काम आए.....?
सिगरेट समोकिंग सेहत के लिए हानिकारक है
ये सभी जानते है,फिर भी धूम्रपान करने को
लोग समाजिक जिम्मेदारी या इसे अपनी शान
समझते है.सिगरेट के धुएँ का छ्ल्ला बना
के.......मै जिन्दगी का साथ
निभाता चला गया हर फिक्र को धुएँ मे उडा ता चला गया.
अगर हर फिक्र,समस्या,तनाव को
सिगरेट समोकिंग के धुएँ से उडाया
जा
सकता तो पुरी दुनिया इसे
अपनाने के लिए खुब प्रचार प्रसार
करती और ना ही
कमंपनिया सिगरेट के पैकेट पर चेतावनिया लिखती और उसके दुष्परिणामो के
फोटो छापती.इससे फेफडो के कैंसर, मुहँ के शाले इत्यादि...इत्यादि बिमारिया होती है ये जानकर भी
अपनी सेहत से खिलवाड करना क्या
उचित है...? यदि आप भी लंबे समय तक काम करते हैं,
तो
आपको धूम्रपान की अपनी आदत पर गौर करने की जरूरत है। एक नए शोध में पता चला है
कि जो लोग लंबे
समय तक काम करते हैं,
वे ज्यादा धूम्रपान करते हैं। ब्रिटेन के लॉगबोरोग
युनिवर्सिटी के
शोधकर्ताओं का कहना है कि लंबे समय तक काम करने वाले लोगों के लिए धूम्रपान
त्यागना काफी मुश्किल होता है। यहां तक कि जो धूम्रपान त्याग चुके
होते हैं, उन्हें फिर से धूम्रपान
की लत लगने का
खतरा होता है।
युनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ बिजनेस
एंड इकनॉमी के प्रोफेसर एंडी
चार्लवुड ने कहा,
‘जब धूम्रपान करने वाले लोग एक
सप्ताह में
40 घंटे से ज्यादा काम करते हैं, तो उनकी
धूम्रपान त्यागने की संभावना कम
से कमतर
होती जाती है। जैसे जैसे उनके काम के घंटे
बढ़ते हैं, धूम्रपान छोडऩे की
संभावना उतनी ही कम
होती जाती है।’ शोधकर्ताओं ने अपनी शोध को प्रमाणित करने
के लिए 19
सालों तक 20,000 लोगों
में धूम्रपान के व्यवहार का अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो
लोग सप्ताह में 40 से 60 घंटे काम करते हैं, वे 40 घंटे से कम काम करने
वाले लोगों की तुलना
में धूम्रपान त्यागने में असफल रहते हैं।
यह शोध जर्नल सोशल साइंस एंड मेडिसीन में प्रकाशित हुई
है।शोध चाहे कितने भी सामने आ जाए उनकी
रिपोर्ट मे
कितने भी खुलासे हो इससे कोई फ्रक नहि पडेगा
क्योकि जब तक आप अपनी सेहत के प्रती सचेत नही होते
तब तक सारी बाते व्यर्थ है.सेहत से
बडकर कोई दौलत नही ये
आप भली भांती जानते
है.अर्थात जिस शौक के चलते पैसा और सेह्त
दोनो जाए ऐसा शौक किस
काम आए.....?
=+=अनिल भवानी