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- आपकी 'बेस्ट फ्रेंड' ....
Posted by : achhiduniya
18 November 2014
बने अच्छे पड़ोसी.........
मित्रो प्रणाम ...... स्वागत है एक नए विषय
के साथ अच्छी दुनिया के घर मे. आपका सबसे अहम रिश्तेदार आपका पडोसी होता है,क्योकि
किसी भी सुरत मे,विप्पती के समय वह आपकी मदद के लिए सबसे पहले आपके अपने सगे सम्ंबधियो
के पहुचने से भी पहले आप तक पहुचता है.बशर्ते आपके उनसे मधुर संबध हो.पूरी दुनिया में
आपको अच्छे-बुरे दोनों तरह के लोग देखने को मिल जाएंगे। एक अच्छी पड़ोसन जहां आपकी
'बेस्ट फ्रेंड' बन जाती है, वहीं स्वभाव से बुरी पड़ोसन आपका
सुख-चैन छीन लेती है। तो यदि आप अच्छी पड़ोसन
या पडोसी चाहती हैं,तो खुद को भी अच्छी पड़ोसन या पडोसी साबित कर डालिए। उन पड़ोसनों
की भी कमी नहीं है जो स्वार्थी प्रवृत्ति की होती हैं। अपने मतलब से पड़ोसनों से संबंध
बढ़ाती हैं और जब वह पूरा हो जाता है,तो अपने हाथ खींच लेती हैं। ऐसी पड़ोसन अपने मतलब
के लिए सामने वाली से मीठा बोलती हैं तथा अपने
आपको उसका सबसे बड़ा शुभ चिंतक बताती हैं जबकि उनके मन में पहले ही छल-कपट होता है।
बहुत-सी पड़ोसन ईर्ष्यालु स्वभाव की होती हैं। वे अपने से आगे किसी दूसरे को बढ़ते देख
नहीं सकतीं। उनकी कोई पड़ोसन उनसे अधिक पढ़ी-लिखी, योग्य,
ऊँचे ओहदे पर या अधिक कमाऊ हो या सामाजिक रूप से अधिक प्रतिष्ठित हो
तो ये सब बातें उन्हें बर्दाश्त नहीं होतीं। यदि सामने वाली रूप सौंदर्यवान है,
गुणों की खान है, तो उसका चरित्र हनन करने से भी
ये बाज नहीं आतीं। ईर्ष्यालु स्वभाव की पड़ोसन
अपनी पड़ोसन का नुकसान होते देख खुश होती है, उसके सुख
से दुःखी तथा दुःख से खुश होती हैं। कुछ पड़ोसनें तुनकमिजाज या झगड़ालू प्रवृत्ति वाली
होती हैं।
उन्हें लड़ने-झगड़ने का कोई भी बहाना
चाहिए। यहां तक कि पानी, बिजली, बच्चों
के झगड़े, साफ सफाई आदि को लेकर वे अपनी पड़ोसन का सिर भी फोड़ सकती
हैं। ऐसी पड़ोसनों का पारा सदैव सातवें आसमान पर रहता है।सभी पडोसी एक जैसे नही होते
कुछ इतने अच्छे होते है जिन्हे सिर्फ आपके दुख का पता चल जाए वे तुर्ंत आपके पास चले
आते है.मानो जैसे माँ अपने बच्चे के गिरने पर उसे उठाने के लिए दौड पडती है.क्यो न
आप और हम ऐसे पडोसी बन जाए चोट एक को लगे तो दर्द का ऐहसास बिना बताए दुसरे को हो जाए. =+=श्री अनिल भवानी