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- तमाम मुश्किलें छूमंतर....
Posted by : achhiduniya
20 November 2014
इंटरव्यू मे क्या करें क्या नहीं....?
मित्रो प्रणाम......आज आपसे पुराने लेकिन समय
पर अच्छे-अच्छो की सिटटी- पिट्टी गुम कर देने और बडॆ बडे धुरनधरो को पसीना छुडाने वाले विषय के बारे मे बात
करेगे जिसे अग्रेंजी मे इंटरव्यू तथा हिन्दी मे साकषात्कार कहते है.
अब इसमे आने वाली
परेशानीओ और उनसे पार पाने के कुछ सुझाव आपसे सांझा करेंगे. इंटरव्यू के दौरान आप
पुरी तरह से सकारातमक तरीके से पेश आए चाहे आपको नौकरी मिले या ना मिले इस बात कि फिक्र
को छोड कर कोशिश जरुर करे .क्योकि दोस्तो मंजिल वही पाते है जो राहो मेआने वाली मुश्किलो
का सामना डट कर करते हुए चलते है. जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है,सडके मंजिल तक
नही पहुचती उन पर चलने वाला ही मंजिल पर पहुचता
है.
सडके उन्हें पहुचाने का केवल माध्यम भर होती है. इंटरव्यू के दौरान आमतौर पर दो
बातें ध्यान में रखी जाती हैं- पहला, जिस फील्ड
का इंटरव्यू आप देने जा रहे हैं, उसके बारे में पूरा ज्ञान और
दूसरी बात आपकी बॉडी लैंग्वेज,बोले गए शब्द आपके कप्यूनिकेशन
का केवल 10 प्रतिशत होते हैं। 30 प्रतिशत कम्यूनिकेशन
आपके आवाज की टोन से होता है, कि आप धीमा, तेज, प्रभावी किस आवाज में बोल रहे हैं। लेकिन 60 प्रतिशत
कम्यूनिकेशन सिर्फ आपकी बॉडी लैंग्वेज से होता है। आँखों में आँख डालकर बात करें।
दूसरों की ओर देखने से लगता है
कि आप उसकी बात को पूरा महत्व दे रहे हैं। बॉडी लैंग्वेज, ऐसा नानवर्बल कम्यूनिकेशन{बिन बात का संवाद} है, जो आपकी
आदतों, स्वभाव और मन की स्थिति से पैदा होता है। इंटरव्यू क्लीयर
करना कई बार कॉन्फिडेंस और प्रेजेंस ऑफ माइंड पर निर्भर करता है। इसके लिए बॉडी लैंग्वेज
महत्वपूर्ण कारक होता है। किसी व्यक्ति के भाव, विचार
और आदत में अंतर्संबंध होता है। तीनों ही एक दूसरे से प्रभावित होते हैं। बॉडी लैंग्वेज
भी इन तीनों से मिलकर तैयार होती है। इसमें बदलाव से आपमें कॉन्फिडेंस का लेवल बढ़
सकता है.बात के दौरान हामी भरें।
इसके लिए बातों का
दोहराव न करते हुए हाँ मे गर्दन हिलाना बेहतर
होता है। हामी भरने के लिए बात का दोहराव करना शिष्टाचार में भी नहीं आता है। पैरे सीधे रखें, इसे क्रास नहीं रखें। क्रास पैर प्रतिरक्षात्मक संकेत देते
हैं। इससे लगता है कि आपके मन में कुछ भय है या आप कुछ छुपाना चाहते हैं। किसी
एक तरफ झुककर नहीं बैठें। सीधे लेकिन आराम की मुद्रा में बैठें। अगर आप आगे की ओर झुके
हैं,
तो इससे पता चलता है कि आपको सामने वाले की बातों में रुचि है। वहीं
पीछे की ओर ज्यादा झुके लोगों ओवर कॉन्फिडेंट लगते हैं।अपने कंधों को आराम की मुद्रा
में रखें। थोड़ा आगे की ओर झुककर बात करने वाला व्यक्ति साफ दिल-दिमाग का माना जाता
है। लेकिन ज्यादा आगे की ओर झुके लोग चापलूस मालूम होते हैं। चेहरे पर अतिगंभीरता
किसी को नहीं सुहाती है। हल्की सी मुस्कान रखें और जरूरत पड़ने पर हंसें ।
खुश रहने के लिए होठों पर
यूं ही मुस्कान चिपका लें, फिर देखिए आपकी तमाम मुश्किलें कैसे
छूमंतर हो जाती हैं। अपना चेहरा छुएं नहीं। यह सामने वाले को डाइवर्ट करता है। साथ
ही बताता है कि आप नर्वस हैं। सकारात्मक होकर हर सवाल का जवाब दे आप अपने मकसद मे जरुर
कामयाब होगे .हमारी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएँ .समय देने का शुक्रिया दोस्तो =+= श्री
अनिल भवानी