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- आत्म हत्या ....
Posted by : achhiduniya
11 November 2014
काम चोरो के लिए छोड......
प्रणाम मित्रो ...... आज हम आपसे सरल लगने लेकिन कभी न खत्म कर सकने वाली समस्या आत्म हत्या के विषय यानी किसी
भी मुसीबतसे बिना लडे हार जाने वाले आसान रास्ते चुन लेने की
प्रवती जो प्रचलित हो चुकी है.जिसे हर कोइ आसान मान कर करने को आतुर है.आज कि आपा धापी भरी जिंदगी,प्रतियोगिताएँ,
ईर्शा,द्वेष,जलन,उँच-नीच का भेद-भाव,एक दुसरे से आगे बडनेकि चाहत मे किसी भी हद तक गुजरने कि फितरत के
चलते उत्पन्न होने वाली निराशा,हताशा,चिंताए,परेशानी दुख इन सभी के जिम्मेदार हम खुद होते है,लेकिनइस बात को हम समझ नही पाते जिसप्रकार
उबलते
हुए पानी मे अपनी परछाईनही देख सकते {यकिन न आए तो उबलते हुए पानी मे अपनी परछाई देखने काप्रयास जरुर करे ,पहले अनुभव करे फिर विश्वास करे}उसी प्रकार निराशा,दुख के समय भी हम अच्छा,भला-बुरा नही सोच सकते इसलिए ऐसे कदम उठाते है,जिससे अपने ही परिवार के लोगों को मुसीबत मे
डाल जाते है,क्या....?आपके जाने के बाद क्या..? समस्या का समाधान हो
जाएगा नही मित्रो ऐसा कदापि नही होता.क्या सिर्फ विषय मे या किसी से
कम अंक मिलने...?गलती करने पर क्या अपने माता-पिता से डाटँ खाने..?किसी लडकी या लडके,{गर्ल या बोय} फ्रेन्ड के छोड कर चले जाने से....?किसी के अपमान करने के कारण....?खेल कुद मे पदक न ला पाने...? या आगे कामयाबी पाने के रास्ते मे आने
वाले रोडो,दिक्कतो से लडने कि बजाए पहले ही हार मान लेना
या आत्म हत्या का रास्ताचुनना कहा कि समझदारी है.यह कायरो का काम है,
अगर
समुद्र मे चलने वाले लोहे के जहाज पानी से डर जाए तो क्या होगा,लकडी कि छोटी सी नावँ अगर लहरो से डर जाए तो क्या होगा....?आपने कई बार सुना होगा लहरो से डर कर
नौका पार नही होती...कोशिश करने वालो कि हार नही होती....आपकी जिन्दगी कितनी अच्छी है या नही आप जिन्दगी मे कितने कामयाब
हुए यह सब इस बात से तय नही होता कि आप उम्मीदो पर कितने खरे उतरे
है.यह इस बात पर निर्भर करता है,कि आपने वह काम पुरे दिल से किया या नही.आपकी काबिलियत और हालात के अनुसार जो होना है वह जरुर होगा.बस सवाल ये है कि जिन्दगी मे जो चीज
आपके लिए मायने रखती है,क्या उसके लिए आप अपना सौ फिसदी लगा
रहे है या नही..?लोग आपकी काबिलियत से अधिक आपसे चाह्ते है.
उनको कोसिए नही यह बहुत बडी बात है.लोग आपसे बडी-बडी चीजो की उम्मीद
करते है.आप हमेशा परिस्थितियो को निय्ंत्रित नही कर सकते,लेकिन आप खुद को जरुर निय्ंत्रित कर सकते
है.इसलिए मन मे कभी आत्म हत्या का ख्याल न आने दे
यह कार्य उन काम चोरोके लिए छोड दे जो जीवन मे कुछ नही करते,धरती पर बोझ बने फिरते है.यदि इसके बाद भी ऐसी सोच उतपन्न होतो ईश्वर का
ध्यान करे उससे सच्चे मन से प्रार्थना करे,योग करे,ध्यान योग करे
रास्ता जरुर मिलेगा.आपके समय देने का शुक्रिया दोस्तो...... =+=श्री अनिल भवानी